लाल सागर संकट और भारत से बाहर जाने वाले माहवाहक जहाजों पर उसके असर पर विचार के लिए गुरुवार को वाणिज्य सचिव ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस मामले से जुड़े लोगों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
सरकार ने पाया कि लाल सागर व्यापार मार्ग में व्यवधान से भारत के उच्च गुणवत्ता के बासमती चावल के निर्यात पर असर पड़ सकता है, जो यूरोप, मिस्र और पश्चिम एशिया के कुछ देशों में भेजा जाता है। अगर व्यापार लंबे मार्ग के माध्यम से किया जाता है तो इससे चावल निर्यात की कीमत 15 से 20 प्रतिशत बढ़ सकती है।
मिस्र जैसे एशियाई देशों और नीदरलैंड जैसे उत्तरी यूरोप के देशों में माल भेजने के लिए भारत लाल सागर वाले मार्ग का इस्तेमाल करता है, जिस पर कुछ असर पड़ सकता है। निर्यातकों ने पिछले महीने कहा था कि अगर स्थिति खराब रहती है तो पेट्रोलियम उत्पाद और मशीनरी निर्यात प्रभावित हो सकता है।