महाराष्ट्र में सांगली और सतारा जिले के कुछ हिस्से को छोड़कर राज्य के बाकी हिस्सों में पेराई सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। राज्य में इस साल अभी तक 35 लाख टन गन्ने की पेराई हुई है और 23.43 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। चालू सीजन में अभी तक राज्य में कुल 172 चीनी मिलों को गन्ना पेराई लाइसेंस दिये गए हैं। हालांकि किसान संगठनों के विरोध के कारण कुछ इलाकों में गन्ना पेराई का काम धीमी गति से हो रहा है।
महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सीजन एक नवंबर से शुरु हुआ। राज्य में 13 नवंबर तक 103 चीनी मिलों ने 35 लाख टन गन्ने की पेराई पूरी कर ली है और साथ ही 23 लाख 43 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है।
चीनी सीजन 2023-24 के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 217 चीनी मिलों ने चीनी आयुक्तालय को प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। जिनमें से उन्हीं चीनी मिलों को गन्ना पेराई के लाइसेंस वितरित किये गए हैं, जिन्होंने गन्ना निगम की कटौती राशि के साथ एफआरपी एवं अन्य धनराशि की पूर्ति कर ली है। 13 नवंबर 2023 तक आयुक्तालय ने 80 सहकारी और 92 निजी सहित कुल 172 चीनी मिलों को इस वर्ष के गन्ना पेराई लाइसेंस ऑनलाइन वितरित किए है।
चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार को मुताबिक वर्तमान में केवल 45 मिलों को लाइसेंस दिया जाना बाकी है। राज्य सरकार ने जननेता गोपीनाथ मुंडे गन्ना श्रमिक निगम की बकाया राशि 17 रुपये प्रति टन की दर से चार चरणों में वसूलने को मंजूरी दे दी है। अत: मिलों ने यह राशि तुरंत चुका दी और गन्ना पेराई का लाइसेंस लेने के आवेदनों की संख्या बढ़ने की वजह से लाइसेंस की संख्या बढ़ गई।
कोल्हापुर, सांगली और सतारा जिलों में गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी की मांग को लेकर कोल्हापुर और सांगली जिलों में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन का विरोध प्रदर्शन कर रहे है। आंदोलन के कारण इन इलाकों में पेराई प्रक्रिया बहुत धीमी गति से चल रहा है।
पिछले कुछ दिनों में राज्य के कुछ इलाकों में आंदोलन कई जगहों पर हिंसक भी हुआ है। जयसिंगपुर में धरने पर बैठे स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी ने मिलों को सुरक्षा प्रदान करने और गन्ने के परिवहन को लेकर गृह विभाग पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि एक तरफ़ किसानों को रुलाने वाली चीनी मिलों को पुलिस सुरक्षा दी जा रही है, जबकि अन्य किसानों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। यह आंदोलन बिना किसी हिंसा के आह्वान के हो रहा है। शेट्टी ने कहा कि हम जल्द ही अपना विरोध तेज करेंगे ताकि पिछले सीजन के लिए पेराई किए गए गन्ने के लिए प्रति टन 400 रुपये मिल सकें।
इस साल राज्य सरकार ने गन्ना पेराई का सीजन 1 नवंबर से शुरू करने की मंजूरी दे थी। इस वर्ष कुल गन्ना क्षेत्र का 14.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पेराई के लिए उपलब्ध होगा और 88.58 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। इस वर्ष गन्ने का क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत कम हुआ है।
महाराष्ट्र शक्कर आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष राज्य में 211 चीनी मिलों में गन्ना पेराई की गई और 105 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ। हालांकि इस साल गन्ने का रकबा घटने से चीनी उत्पादन 88.58 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान इस अवसर पर व्यक्त किया गया। सीजन 2022-23 में चीनी उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले स्थान पर है और उसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है।