खरीफ फसलों की बोआई शुरू हो चुकी है। शुरुआती दौर में ही ये फसलें खूब बोई जा रही हैं। इन फसलों की बोआई पिछले साल से अधिक हो रही है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की बोआई भी पिछले साल से अधिक चल रही है। मक्का, अरहर, रागी, कपास व मूंगफली को छोड़कर बाकी अधिकतर खरीफ फसलों के रकबा में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस साल 13 जून तक 89.29 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछले साल के रकबा 87.81 लाख हेक्टेयर से 1.68 फीसदी अधिक है।
धान खरीफ सीजन की सबसे बड़ी फसल है। कृषि व किसान कल्याण विभाग के मुताबिक पिछले सप्ताह के अंत यानी 13 जून तक 4.53 लाख हेक्टेयर में धान की बोआई हो चुकी है। पिछली समान अवधि में यह रकबा 4 लाख टन था। इस तरह इस साल धान के रकबा में 13.25 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। इसी अवधि में कपास का रकबा मामूली घटकर 13.19 फीसदी रह गया। जूट की बोआई भी थोड़ी घटकर 3 फीसदी घटकर 5.48 लाख हेक्टेयर रह गई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 13 जून को समाप्त सप्ताह तक 3.07 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछली समान अवधि में 2.60 लाख हेक्टेयर में बोई गईं दलहन फसलों से 18 फीसदी ज्यादा हैं। दलहन फसलों में अरहर का रकबा पिछले साल 0.41 लाख हेक्टेयर से घटकर इस साल 0.30 लाख हेक्टर रह गया। इस दौरान उड़द का रकबा 0.18 लाख से बढ़कर 0.43 लाख हेक्टेयर, मूंग का 1.38 लाख से बढ़कर 1.56 लाख हेक्टेयर हो गया।
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कृषि व किसान कल्याण विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 13 जून तक तिलहन फसलों की बोआई 2.05 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई, जो पिछली समान अवधि की 1.50 लाख हेक्टेयर से करीब 30 फीसदी अधिक है। इस दौरान सोयाबीन का रकबा ढाई गुना से भी अधिक बढ़कर 1.07 लाख हेक्टेयर हो गया। सूरजमुखी, तिल, नाइजर और अरंडी की बोआई में भी इजाफा हुआ है। हालांकि इस दौरान मूंगफली की बोआई 18 फीसदी घटकर 0.58 लाख हेक्टेयर रह गई।
अन्न श्री/मोटे अनाजों की भी इस खरीफ सीजन में खूब बोआई हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 13 जून तक 0.86 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया जा चुका है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा महज 0.03 लाख हेक्टेयर था। ज्वार का रकबा पिछले साल के 0.75 लाख से बढ़कर 1.01 लाख हेक्टेयर हो गया। इस साल 13 जून तक रागी और मक्का की बोआई कम हुई। मक्का का रकबा करीब 16 फीसदी घटकर 3.60 लाख हेक्टेयर और रागी की बोआई तो ना के बराबर 0.02 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल 13 जून तक इसका रकबा 0.31 लाख हेक्टेयर था।