चीनी मिलों के निजीकरण पर हाई कोर्ट की रोक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 10:41 PM IST


इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2008 तक उत्तर प्रदेश शुगर कॉर्पोरेशन की लगभग 33 मिलों के निजीकरण के लिए स्थगन का आदेश दिया है। महाराजगंज जिले के राजीव कुमार मिश्र द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अशोक भूषण और विनीत सरन की खंड पीठ ने आदेश दिया कि 13 अक्टूबर की अगली सुनवाई से पहले किसी तीसरे पक्ष को अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।


जनहित याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विनिवेश के लिए उठाया गया यह कदम केंद्रीय और राज्य सरकार के कई कानूनों के विरुद्ध है। याचिकाकर्ता ने अदालत को चीनी मिलों के इक्विटी शेयर बेचने से संबंधित 29 सितंबर के अध्यादेश के बारे में भी सूचित किया। याचिकाकर्ता के अनुसार यह अध्यादेश अवैध बिक्री को वैध करने के लिए थी।


याचिकाकर्ता का दावा है कि निजीकरण के लिए उठाए गए इस कदम से उत्तर प्रदेश के गन्ना उत्पादक क्षेत्र का सफाया हो जाएगा। उसने कहा कि इसके स्थान पर राज्य में कृषि को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस अदालत ने मिश्रा को इस बात की भी अनुमति दी कि वे अध्यादेश को चुनौती देने के लिए अपनी याचिका में संशोधन कर सकते हैं।


इसके अतिरिक्त खंडपीठ ने राज्य सरकार के इस तर्क को ठुकरा दिया कि याचिकाकर्ता ने ‘प्रॉक्सि याचिका’ दायर की है क्योंकि उसके पास 100 एकड़ जमीन है और स्थानीय ग्रामीणों ने उसे उनकी ओर से याचिका दायर करने के लिए अधिकृत किया है।


12 सितंबर को हुई सुनवाई में अदालत ने जबाव देने वालों की सूची में से उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री मायावती का नाम हटा दिया था। राज्य सरकार परिचालन क्षमताओं में इजाफा के लिए चीनी क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है। गैमन इंडिया, यूफ्लेक्स और चड्ढा समूह ने मिलों के लिए बोली लगाई थी जिसे पिछले शाम खोला गया था। अब एक समिति के नेतृत्व में इन बोलियों के भविष्य का निर्धारण मुख्य सचिव करेंगे। इसके लिए कंसलटेंट के मूल्यांकन रिपोर्ट का अध्ययन करना और अन्य पहलूओं को ध्यान में रखना आवश्यक होगा।


आधिकारिक सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस प्रक्रिया में 3 से 4 दिन लगेंगे। कुल 33 निगमित चीनी मिलों में से 22 चालू हालत में हैं जबकि उनमें से केवल 15 मिलों ने 2007-08 की पेराई सीजन में हिस्सा लिया था। इसके अलावा, इन बीमार इकाइयों में से चार बोर्ड ऑफ इंडस्ट्रियल ऐंड फाइनैंशियल रीकंस्ट्रक्शन की सीमा में आते हैं।

First Published : October 1, 2008 | 10:05 PM IST