देश में अनाज की आसमान छूती कीमतों को कम करने की कोशिशों के तहत सरकार गुरुवार को खुले बाजार में 60 लाख टन गेहूं बेचने का निर्णय कर सकती है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस में भाग लेने के दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कृषि और खाद्य मंत्री शरद पवार ने यह संकेत दिया। पवार ने यह भी संकेत दिया कि देश के कई इलाकों में गेहूं की कीमतों में थोड़ी वृद्धि हो सकती है।
पवार ने बताया कि खाद्यान्न की बढ़ती कीमतें हमारी चिंता की मुख्य वजह है। कृषि मंत्री के मुताबिक, कीमतों को कम करने के लिए ही खुले बाजारों में 60 लाख टन गेहूं की बिक्री की योजना खाद्य मंत्रालय ने बनायी है। पवार ने जानकारी दी कि गेहूं के बफर स्टॉक की सीमा 45 लाख टन की है पर फिलहाल देश में 55 लाख टन गेहूं का बफर स्टॉक है। इस तरह, तय सीमा से 10 लाख टन ज्यादा का बफर स्टॉक इस समय है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसके अलावा 30 लाख टन गेहूं का अतिरिक्त (रणनीतिक) भंडार रखा है। साथ ही खुले बाजार के लिए 30 लाख टन गेहूं खरीदा गया है।
राकांपा के प्रमुख पवार ने संकेत दिया कि सरकार रणनीतिक भंडार को भी खुले बाजार में बेचने की मंजूरी दे सकती है। इस तरह, उम्मीद की जा रही है कि सरकार 60 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने की मंजूरी दे सकती है। चावल के बारे में मंत्री ने कहा कि इसकी खरीद फिलहाल 2.64 करोड़ टन के लगभग हो चुकी है। जबकि केंद्र की ओर से राज्य सरकारों द्वारा होने वाली खरीद भी 12 लाख टन के आसपास पहुंच चुकी है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि इस साल चावल खरीद का लक्ष्य करीब 2.7 करोड़ टन रखा गया है। पूरी संभावना है कि जब राज्य खरीदे गए चावल को केंद्र के हवाले कर देंगे तब यह लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा। उनके मुताबिक, अगले एक से डेढ़ महीने में 10 लाख टन चावल की और खरीद होने का अनुमान है, लिहाजा निश्चित तौर पर इस साल 2.75 करोड़ चावल की खरीद हो जाएगी।