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अच्छी बारिश से खिले किसानों के चेहरे, खरीफ फसल की बुआई ने पकड़ी रफ्तार

खरीफ फसल की बुआई पिछले साल की तुलना में 14.10 फीसदी अधिक हुई है। चालू सीजन में सबसे बेहतरीन बुवाई दलहन फसलों की हुई है।

Published by
सुशील मिश्र   
संजीब मुखर्जी   
Last Updated- July 08, 2024 | 9:38 PM IST

खरीफ फसल की बोआई पिछले सप्ताह तक पिछले साल से लगातार बेहतर बनी रही है। जुलाई में मॉनसून के गति पकड़ने के साथ कृषि इनपुट कंपनियां इस सीजन में बिक्री में 10 से 20 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुताबिक 5 जुलाई तक खरीफ फसलों की बोआई 378 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में हो चुकी है। खरीफ फसल की बोआई पिछले साल की तुलना में 14.10 प्रतिशत अधिक हुई है।

जीएसपी क्रॉप साइंस के कार्यकारी निदेशक तीर्थ शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘मॉनसून के पहले आने और बेहतर बारिश के अनुमान को देखते हुए इस खरीफ सीजन में प्लांट केमिकल्स की मांग और बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। मौसम अनुकूल रहने के साथ किसान अपनी खेती का रकबा बढ़ा सकते हैं। खासकर धान, सोयाबीन और कपास की फसल का रकबा बढ़ने की संभावना है।’

चालू सीजन में सबसे बेहतरीन बोआई दलहन फसलों की हुई है। दलहन फसलों का रकबा पिछले साल की सामान्य अवधि से 50 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ा है। देश में धान की बोआई 59.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई, जबकि पिछले साल इस समय तक धान का रकबा 50.26 लाख हेक्टेयर था। यानी चालू खरीफ सीजन में धान की रोपाई पिछले साल की तुलना में 19.4 प्रतिशत अधिक है।

दलहन फसलों की बोआई पिछले साल के 23.78 लाख हेक्टेयर से 54.8 प्रतिशत की बढ़त के साथ 36.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। दालों में अरहर की बोआई 20.82 लाख हेक्टेयर और उड़द की बोआई 5.37 लाख हेक्टेयर, मूंग की बोआई 8.49 लाख हेक्टेयर, कुल्थी की 0.08 लाख हेक्टेयर और अन्य दालों की बोआई 2.05 लाख हेक्टेयर हेक्टेयर हो चुकी है।

तिलहन फसलों की बोआई पिछले साल की तुलना में 54.5 प्रतिशत अधिक हुई है। तिलहन फसलों की बोआई 80.31 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक देश में तिलहन फसलों की कुल रकबा 51.97 लाख हेक्टेयर था।

क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अंकुर अग्रवाल ने कहा कि इस सीजन के बेहतर संकेतकों से हमारा अनुमान है कि मांग में 10 से 11 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी, क्योंकि तेजी के कारण बीज और फसल सुरक्षा वाले उत्पादों की भी मांग बढ़ेगी।

विश्लेषकों का कहना है कि उर्वरक क्षेत्र को भी इस साल बिक्री बढ़ने की उम्मीद है और सभी उर्वरकों को मिलकार इस वित्त वर्ष में बिक्री 1 से 3 प्रतिशत बढ़ सकती है।

मोटे अनाज की बोआई धीमी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 8 जुलाई तक श्रीअन्न सह मोटे अनाज की बोआई का रकबा 58.48 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि पिछले साल इस समय तक इन फसलों की बोआई 82.08 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी थी। यानी इस साल अभी तक श्रीअन्न सह मोटे अनाज की बोआई पिछले साल की तुलना में 28.8 प्रतिशत कम है।

कपास की 80.63 लाख हेक्टेयर में बोआई हुई जो पिछले साल की तुलना में 29.3 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल इस समय तक कपास की बोआई 62.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी। गन्ना की बोआई 56.88 लाख हेक्टेयर में हुई है।

First Published : July 8, 2024 | 7:51 PM IST