‘चीनी के निर्यात पर मिलने वाली छूट खत्म हो’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 7:04 PM IST

विश्व के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश भारत को चीनी के निर्यात पर छूट देनी बंद कर देनी चाहिए क्योंकि चीनी के घरेलू उत्पादन में कमी आ रही है।


वित्त मंत्री ने आज मुंबई में कहा, ‘मेरे खयाल से चीनी के निर्यात पर मिलने वाली छूट अब समाप्त कर दी जानी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘पर्याप्त चीनी का निर्यात हो चुका है।’ वर्ष 2007 में सरकार द्वारा मिलों को माल-भाड़े में छूट दिए जाने के बाद 30 सितंबर 2008 को समाप्त हो रहे वर्ष में कुल 45 लाख टन रेकॉर्ड चीनी का निर्यात किया जा सकता है। यह छूट सरकार ने बंपर फसल को देखते हुए दी थी।

दक्षिण एशियाई देशों से चीनी की लदाई में कमी से कच्चे चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है जिसमें पिछले तीन महीनों के दौरान 17 फीसदी की वृध्दि हुई है। चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह ब्राजील और भारत जैसे बड़े उत्पादक देशों में फसल का अपेक्षाकृत कम होना है। इस अवधि में चीनी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर के जीएससीआई सूचकांक पर सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला रहा है।

लंदन स्थित इंटरनेशनल शुगर ऑर्गेनाइजेशन ने कल कहा कि 30 सितंबर 2009 को समाप्त होने वाले वर्ष में चीनी का वैश्विक उत्पादन 4 फीसदी कम होकर 1,616 लाख टन होगा। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने पिछले सप्ताह भविष्यवाणी की थी कि अगले सीजन के दौरान भारत का चीनी उत्पादन 17 फीसदी घट कर 220 लाख टन हो जाएगा।

कृषि मंत्री शरद पवार ने 26 फरवरी को कहा था कि माल भाडे पर मिलने वाली 1,450 रुपये प्रति टन तक की छूट अप्रैल 2009 की जगह 1 अक्टूबर 2008 को खत्म हो जाएगी। चिदंबरम ने आज कहा कि कृषि एवं खाद्य मंत्री से इस छूट को जल्दी समाप्त करने के संदर्भ में बातचीत हो चुकी है।

नई दिल्ली स्थित इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के महानिदेशक एस एल जैन ने 18 अगस्त को एक साक्षात्कार में कहा था कि उत्पादन कम होने और किसानों के दूसरी फसल की ओर रुख करने के कारण 30 सितंबर 2009 को समाप्त हो रहे वर्ष में 10 लाख टन से अधिक चीनी के निर्यात की संभावना कम है।

चीनी उत्पादकों, जिसमें श्री रेणुका शुगर्स लिमिटेड जैसे भारत का सबसे बड़ा परिशोधक शामिल है, ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान कीमतों में हुई 33 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण मिलों को कम निर्यात करने को उद्यत कर रहा है। श्री रेणुका शुगर्स ने 27 अगस्त को कहा कि इसने ब्राजील से 30,000 टन कच्चे चीनी की खरीदारी की जो वर्ष 2006 के बाद देश का पहला आयात था।

First Published : August 29, 2008 | 10:49 PM IST