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बिजली विधेयक खोलेगा निजी निवेश की राह

Last Updated- December 11, 2022 | 5:01 PM IST

बिजली अधिनियम, 2002 में संशोधन के लंबे समय से चल रहे रहे प्रस्ताव के संबंध में आखिरकार अब उम्मीद की रोशनी दिख सकती है, क्योंकि अगले सप्ताह यह संसद में पेश  किए जाने की संभावना है। बिजली विधेयक 2022, जो बिजली वितरण क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण बदलाव की पेशकश करता है, वह एक ही क्षेत्र में कई वितरण लाइसेंसधारियों को कार्य करने की अनुमति देते हुए निजी निवेश के द्वार खोलेगा।
सूत्रों ने कहा कि विधेयक को संसद में पेश किया जा चुका है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने हाल ही में खबर दी थी कि केंद्र ने सरकार के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के निजीकरण का प्रस्ताव छोड़ दिया है और इसके बजाय वह कई बिजली विक्रेताओं वाला प्रारूप पेश करेगा।
अधिनियम की धारा 14 और 42 में प्रस्तावित संशोधन के जरिये केंद्र सरकार ने ‘भेदभा रहित खुली पहुंच के प्रावधानों के तहत’ सभी लाइसेंसधारियों द्वारा वितरण नेटवर्क का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है।
हालिया संशोधन उपभोक्ताओं को एक ही नेटवर्क पर कई वितरण लाइसेंसधारियों के माध्यम से विकल्प प्रदान करेगा। अधिनियम में कई लाइसेंसधारियों को प्रचालन की अनुमति, तो जरूर दी गई, लेकिन उन्हें मौजूदा बिजली वितरण नेटवर्क तक पहुंच नहीं दी गई। वितरण लाइसेंस के लिए कोई  भी राज्य विद्युत नियामक आयोग  (एसईआरसी) में आवेदन कर सकता है।
कई बिजली विक्रेताओं वाला यह विधायी प्रस्ताव ऐसे समय में सामने आ रहा है, जब केंद्र ने बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार करने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू की है। पिछले 15 साल में चार सुधार योजनाओं के बावजूद देश भर में सरकार के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियां वित्तीय और परिचालनात्मक रूप से संकट में हैं।

First Published - August 6, 2022 | 2:18 AM IST

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