सौदे के निपटान में असफल रहने वालों (डिफॉल्टर) के लिए बुरी खबर है।
देश की अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स ने बुधवार को एक परिपत्र जारी किया जिसमें बताया गया है कि खरीदार के डिफॉल्टर हो जाने पर उससे बकाए रकम की वसूल की जाएगी। डिफॉल्ट रोकने के लिए प्रयासरत वायदा बाजार आयोग के निर्देशों पर अमल करते हुए एनसीडीईएक्स ने ये कदम उठाए हैं।
इस परिपत्र के मुताबिक, जरूरी निपटान वाले अनुबंध में यदि खरीदार सौदों का निपटान करने में नाकाम रहता है तो एनसीडीईएक्स खरीदार से तय शुल्क सहित बकाए की पूरी रकम की वसूली करेगा। इस एक्सचेंज ने आगे यह भी कहा कि उसके पास अधिकार है कि वह सामानों को बेचकर अपना बकाया वसूल कर सके।
यदि फिर भी पूरा बकाया चुकता नहीं होता है तो बची रकम का भुगतान करना खरीदार की जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा, एनसीडीईएक्स ने साफ किया है कि यदि कोई बिक्रेता सामानों की डिलिवरी करने में असमर्थ रहा, विशेषकर अनिवार्य डिलीवरी वाले सौदे का, तो पहले से तय 2.5 फीसदी के बजाए विक्रेता को 3 फीसदी का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। बताया गया है कि जुर्माने की बदली हुई दर उन सौदों पर लागू होगी जो अक्टूबर और उसके बाद पूरी होगी।