facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

गरम रहा कच्चे तेल का बाजार

Last Updated- December 07, 2022 | 5:01 AM IST

कच्चे तेल की कीमतों में बुधवार को 1 डॉलर प्रति बैरल की तेजी आई। गौरतलब है कि बुधवार को ही अमेरिकी ऊर्जा प्रशासन तेल भंडार के साप्ताहिक आंकड़े जारी करेगा।


इस हफ्ते अमेरिका में तेल का भंडार कम रहने की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह अमेरिका में तेल की मांग के बढ़ने को बताया जा रहा है। जिसके चलते रिफाइनरियों ने अपना उत्पादन बढ़ा दिया है नतीजतन वहां पर कच्चे तेल का भंडार कम रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

न्यू यॉर्क में तेल के प्रमुख कांट्रैक्टर लाइट स्वीट क्रूड में जुलाई अनुबंध के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 1.14 डॉलर प्रति बैरल का इजाफा हुआ और कीमतें बढ़कर 132.45 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। दूसरी ओर लंदन के ब्रेंट नॉर्थ सी में कच्चे तेल की कीमतें 1 डॉलर प्रति बैरल तक उछलकर 132.02 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। हालांकि उनका यह भी मानना है कि अभी बाजार में और तेजी आएगी। उन्हें डॉलर के और मजबूत होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।

डॉलर में मजबूती

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा इस बात के संकेत मिलने के बाद कि इस साल अमेरिका में ब्याज दरों को बढ़ाया जाएगा, डॉलर पिछले साढ़े तीन महीनें में यूरो के मुकाबले उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि कमजोर डॉलर के चलते निवेशक इक्विटी बाजार की बजाय जिंसों में निवेश का रुख करने लगे थे।

मांग पर नजर

एक एजेंसी द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक कुछ विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में 11 लाख बैरल की कमी आने का अनुमान है। इस तरह लगातार चार हफ्तों तक कच्चे तेल के भंडार में गिरावट जारी रहेगी।

First Published - June 11, 2008 | 11:46 PM IST

संबंधित पोस्ट