Food grain production target: केंद्र सरकार ने बाढ़ के कारण फसलों को नुकसान की खबरों के बावजूद अधिक उत्पादन होने का लक्ष्य रखा है। दो दिन चले राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान -2025’ के समापन के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्ष 2025-26 में खाद्यान्न का अधिक उत्पादन होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश की मांग के अनुसार देश में बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। रबी फसलों के लिए 3 अक्टूबर से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ शुरू होगा। दो दिन चले कृषि सम्मेलन के पहले दिन छह विषयों पर अलग-अलग समूहों में केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों ने विचार-विमर्श किया। सिंह ने कहा कि अब अलग-अलग राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों का रोडमैप वहीं कार्यशाला करके तय किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2025-26 के लिए 36.25 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, पिछले वर्ष 2024-25 में 34.15 करोड़ टन का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि वर्ष 2024-25 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 35.39 करोड़ टन तक पहुंच गया है। धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली व सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया है। चौहान ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन के साथ देश में फल और सब्जियों के उत्पादन में भी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
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केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि रबी फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध है। बोआई के लक्ष्य के तहत 229 लाख टन बीज की आवश्यकता है, हमारे पास इससे भी अधिक मात्रा में 250 लाख टन के करीब बीज उपलब्ध है। खाद और उर्वरक को लेकर उन्होंने कहा कि वर्षा एवं अन्य परिस्थितियों के कारण क्रॉप पैटर्न में बदलाव आता है। इस साल वर्षा अच्छी मात्रा में हुई है, जिससे बोआई में वृद्धि हुई है। खाद की अतिरिक्त मांग की यह वजह भी हो सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों की मांग के आधार पर जितनी भी आवश्यकता होगी, खाद उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से लगातार संपर्क में है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्यों की स्थिति को लेकर भी चर्चा की और कहा कि सरकार की तरफ से पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण कुछ राज्य विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं जिसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, असम, आंशिक रूप से हरियाणा शामिल हैं। इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मदद के लिए कोई कमी नहीं रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर है, पूरी कोशिश है कि वहां किसानों को बीमा राशि का उचित और त्वरित लाभ मिल सके।
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केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि देश में धान और गेहूं का उत्पादन वैश्विक स्तर का है, वहीं दलहन व तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए अभी और प्रयास करने की आवश्यकता है। इस दिशा में आगे रोड मैप बनाकर काम किया जाएगा। प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने राज्यों में फसलवार चर्चा को लेकर बताया कि अब तक कपास और सोयाबीन में उत्पादन बढ़ाने को लेकर वृहद स्तर पर बैठकें की गई हैं, आगे रबी फसल अभियान व उसके बाद विभिन्न अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि रबी फसल के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ पिछली बार की ही तरह इस बार भी चलाकर वैज्ञानिकों की दो हजार से अधिक टीमें गांव-गांव भेजी जाएंगी, जो किसानों को समुचित जानकारी देगी। इन टीमों में केंद्र और राज्यों के कृषि विभाग के अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक रहेंगे, साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों, एफपीओ एवं प्रगतिशील किसानों का भी इनमें प्रतिनिधित्व होगा।