तांबे की कीमत में इस हफ्ते फिर से मजबूती देखने को मिल सकती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के रुझान से जानकारों का मानना है कि तार, पाइप और भवन-निर्माण उद्योग की ओर से तांबे की मांग में और तेजी आएगी।
यही नहीं डॉलर के मजबूत होने का भी तांबे के कारोबार पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है। तांबे का विकल्प उपलब्ध होने के चलते जानकारों को आशंका है कि अमेरिका के अलावा अन्य देशों की ओर से इसकी सतत मांग शायद ही बरकरार रह पाए। अल्युमिनियम और प्लास्टिक जैसे विकल्पों के हाथों तांबे की चमक खोने की चेतावनी विशेषज्ञ पहले ही दे चुके हैं।
फिलहाल तांबे का कारोबार इसके उत्पादन खर्च से 2.5 गुने अधिक पर किया जा रहा है। लंदन मेटल एक्सचेंज नियंत्रित तांबे के भंडार में 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है और यह पिछले तीन साल के उच्चतम स्तर तक पहुंच चुका है। आश्चर्य की बात है कि सिर्फ शुक्रवार को ही तांबे के भंडार में 18,775 टन का उछाल आ गया। इससे तांबा भंडार 2,00,,875 टन के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर चला गया।
इसका असर तांबे की कीमतों पर भी पड़ा जब इसमें शुक्रवार कोक 3.2 फीसदी की कमी आ चुकी है। लंदन मेटल एक्सचेंज में तांबे का भाव 6,995 डॉलर प्रति टन तक चला गया। इस तरह अब से पहले तक तांबे की कीमतों में 8.3 फीसदी का उछाल आ चुका है।
अल्युमिनियम के मूल्य में थोड़ी कमी हुई है और एक दिन पहले के 2,677 डॉलर प्रति टन के मुकाबले यह 2,647 डॉलर तक चला गया है। सीसा का भाव भी 1,891 डॉलर से घटकर 1,855 डॉलर तक चला गया है। न्यू यॉर्क में तांबे की कीमत पिछले 7 महीने के निचले स्तर तक चली गई है।
ऐसा तांबे के भंडार के मजबूत होने और वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुस्त होने से हुआ है। न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में दिसंबर महीने के अनुबंध में 3.2 फीसदी की कमी हुई और यह 3.16 डॉलर प्रति पाउंड तक चली गई।