कोयला आपूर्ति सुधरी उत्पादन को बल : केंद्र

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:15 AM IST

ग्रिड ऑपरेटर पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन (पीओएसओसीओ) के हाल के आंकड़ों में कहा गया है कि कोयले की कमी के कारण जो संयंत्र बंद हो गए थे (परिचालन में नहीं थे) उनकी संख्या घटकर 13 अक्टूबर को आधी रह गई है।
पीओएसओसीओ के मुताबिक कोयले के कम स्टॉक के कारण बंद पड़ी इकाइयों की क्षमता 12 अक्टूबर के 11 गीगावॉट से घटकर 13 अक्टूबर को 6 गीगावॉट रह गई है।
अगस्त के बाद देश में कोयले की कमी की समस्या आई, जिसके कारण कुछ ताप बिजली संयंत्र कोयले के संकत से जूझ रहे हैं और उनके पास महज 1-2 दिन का स्टॉक है। कुछ इकाइयों के पास कोयले का स्टॉक नहीं होने के कारण उन्हें उत्पादन रोकना पड़ा है।
सरकारी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने सोमवार को कहा कि उसने देश की बिजली इकाइयों को आपूर्ति बढ़ाकर अक्टूबर में पिछले 4 दिन से 16.6 लाख टन रोजाना कर दिया है।
पिछले 12 दिन में कोयले की औसत आपूर्ति 15.6 लाख टन रही है और कंपनी के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इसमें 24 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
अगस्त से ताप बिजली संयंत्रों के कोयले का स्टॉक कम हो रहा है। राष्ट्रीय बिजली पोर्टल के मुताबिक इस समय 36 गीगावॉट क्षमता के संयंत्रों के पास महज 1 दिन के कोयले का स्टॉक है, जबकि 20 गीगावॉट क्षमता के लिए 3 दिन से कम के लिए कोयले का स्टॉक है।
 शुरुआत में केंद्रीय बिजली और कोयला मंत्रालय ने जहां कोयले और बिजली की कमी से इनकार किया है, वहीं केंद्र ने बाद मेंं ताप बिजली उत्पादकों उनके इस्तेमाल का कम से कम 10 प्रतिशत कोयला आयात करने के लिए कहा है, जिससे कि घरेलू कोयले की कमी की भरपाई की जा सके।
बिजली मंत्रालय की तकनीकी शाखा केंद्रीय बिजली प्राधिकरण के ईंधन प्रबंधन विभाग ने एक नोटिस में कहा, ‘अगस्त-सितंबर के दौरान कोयला आधारित बिजली संयंत्रों का उत्पादन बढ़कर 66 प्रतिशत हो गया, जो 2019 में 62 प्रतिशत था। इस अवधि के दौरान कोयले की खपत 2019 की तुलना में 18 प्रतिशत बढ़ी है।’  
दिल्ली, आंध्र प्रदेश, पंजाब और केरल ने केंद्र से अनुरोध किया है कि बिजली उत्पादन इकाइयों को ज्यादा कोयला दिया जाए, जहां कोयले की कमी के कारण संकट की स्थिति है।

First Published : October 14, 2021 | 11:28 PM IST