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Rice export: सरकार ने कहा है कि चावल के निर्यात पर पाबंदी लगाने वाली अधिसूचना जारी होने के पहले निर्यात शुल्क जमा कर चुके निर्यातकों को अपनी खेप विदेश भेजने की अनुमति होगी। सरकार ने 20 जुलाई को जारी अधिसूचना में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की थी। घरेलू बाजार में इस चावल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
इस पाबंदी को अधिसूचित करते समय विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने कुछ विशेष स्थितियों में चावल निर्यात की मंजूरी का जिक्र किया था। DGFT ने 29 अगस्त को जारी अधिसूचना में कहा है कि पुरानी अधिसूचना में कुछ रियायत देते हुए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की उस स्थिति में मंजूरी दी जा रही है जब 20 जुलाई को रात नौ बजकर 57 मिनट के पहले निर्यात शुल्क का भुगतान किया जा चुका हो।
इसके मुताबिक, निर्यातक ने अपनी खेप सीमा-शुल्क विभाग को 20 जुलाई की तारीख को रात नौ बजकर 57 मिनट के पहले सौंप दी है और उसे निर्यात के लिए सीमा-शुल्क प्रणाली में दर्ज कर लिया गया है तो फिर उस खेप का निर्यात किया जा सकता है। हालांकि, निर्यात की यह छूट सिर्फ 30 अक्टूबर तक के लिए ही होगी। सरकार ने देश में गैर-बासमती चावल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्यात पर पाबंदी लगाने की अधिसूचना जारी की थी।