रबर वायदा पर पाबंदी जारी रहेगी!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 7:40 PM IST

रबर वायदा कारोबार पर लगी पाबंदी को बढाने की चर्चा से यहां के व्यापारियों और ब्रोकरों के बीच भय का माहौल है।


अफवाह है कि सरकार ने वायदा बाजार आयोग को निर्देश दिया है कि वह रबर वायदा पर लगी पाबंदी को अगले तीन-चार महीनों तक बढ़ा दे। ऐसा कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि हाल के महीनों में प्राकृतिक रबर की कीमत में काफी इजाफा हुआ है और अगर रबर वायदा दोबारा शुरू हुआ तो कीमतें और बढ़ेंगी।

रबर का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों खास तौर से टायर निर्माता रबर वायदा पर लगी पाबंदी को बढाने के हक में हैं। इन खबरों ने सोमवार को हाजिर बाजार में खलबली मचा दी और आरएसएस-4 ग्रेड कीमत शनिवार के 142 रुपये प्रति किलो के मुकाबले 140 रुपये पर पहुंच गई।

गौरतलब है कि 142 रुपये प्रति किलो का भाव अब तक का सर्वोच्च स्तर था। इस साल 7 मई को सरकार ने रबर, चना, सोया तेल और आलू के वायदा कारोबार पर पाबंदी लगा दी थी। इस हफ्ते पाबंदी की अवधि समाप्त हो रही है और इस वजह से रबर वायदा से जुड़े ब्रोकरों को लगता है कि अवधि समाप्त होते ही पाबंदी अपने आप समाप्त हो जाएगी।

विशेषज्ञों की राय इसके उलट है। उनका कहना है कि पाबंदी की अवधि समाप्त होने के बाद भी तत्काल रबर वायदा नहीं शुरू हो सकता क्योंकि कमोडिटी एक्सचेंज को नए सौदे लॉन्च करने के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी और इसमें थोड़ा वक्त लगेगा।

समझा जाता है कि सरकार रबर वायदा कारोबार को दोबारा शुरू किए जाने के खिलाफ नहीं है क्योंकि पाबंदी की अवधि के दौरान कीमतों में बढ़ोतरी कई वजहों से हुई। हाल में आरएसएस-4 ग्रेड की कीमत अब तक के सर्वोच्च स्तर 142 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। 7 मई को कोच्चि बाजार में आरएसएस-4 की कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी।

वायदा कारोबार शुरू हुए बिना ही 15 हफ्तों में इसकी कीमत में 22 रुपये का उछाल आ गया है। ब्रोकिंग फर्म के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस बात में कोई दम नहीं कि वायदा बाजार में सटोरिया गतिविधि के चलते कीमतों में उछाल होता है।

उन्होंने कहा – चूंकि इस जिंस की मांग में इजाफा हो रहा है, लिहाजा कीमतों का चढ़ना बिल्कुल वाजिब है। इस बीच, नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) ने रबर वायदा के नए सौदे लॉन्च करने के लिए आवेदन कर दि या है। एक्सचेंज के वरिष्ठ सदसस्य का कहना है कि इस आवेदन के निपटारे में एफएमसी को थोड़ा वक्त लगेगा।

First Published : September 2, 2008 | 12:35 AM IST