एटीएफ का वायदा आज से

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:42 AM IST

मुश्किल दौर से गुजर रहीं भारतीय विमानन कंपनियों को सोमवार से कुछ राहत मिलेगी जब मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में विमान ईंधन (एयर टरबाईन फ्यूल, एटीएफ) का वायदा कारोबार शुरु कर दिया जाएगा।


बताया गया है कि इसके कारोबार में मुख्यत: विमानन, तेल रिफाइनिंग, ऊर्जा उत्पादक, शिपिंग और रासायनिक कंपनियां भाग लेंगी। एटीएफ का वायदा कारोबार शुरु किए जाने पर गो एयर के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जी. पी. गुप्ता कहते हैं कि एटीएफ में वायदा कारोबार हमारे लिए एक विकल्प के रूप में सामने आया है।

उनका मानना है कि लगभग सभी घरेलु विमानन कंपनियां एटीफ के वायदा कारोबार की इच्छुक है। वे कहते हैं कि यह हमारे कारोबार का एक मंच होगा, पर इसका मतलब यह नहीं कि हमें इससे केवल फायदा ही होगा। हां, यह जरूर है कि यह फायदे का एक विकल्प है। उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनियों को एटीएफ का मूल्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर चुकाना पड़ता है।

जिस तेजी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं और अभी भी इसका बढ़ना जारी है, उतनी ही तेजी से इस पर खर्च होने वाली राशि भी बढ़ी है। अभी दिल्ली में एटीएफ के एक किलोलीटर का भाव 66,227 रुपये और मुंबई में 68,627 रुपये है। जबकि पिछले साल यानी जून 2007 में दिल्ली में एटीफ की कीमत 36,746.53 रुपये प्रति किलोलीटर और मुंबई में 37,973.30 रुपये प्रति किलोलीटर थी। इससे साफ जाहिर होता है कि महज एक साल में एटीएफ की कीमत दोगुनी हो चुकी है।

एमसीएक्स ने अपने सदस्यों के लिए जारी सूचना में बताया है कि आगामी 7 जुलाई से एमसीएक्स एटीएफ का वायदा कारोबार शुरू कर देगा। एक्सचेंज जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के छह अनुबंधों में यह कारोबार शुरू करेगा। सभी 6 अनुबंधों में कारोबार के अंतिम दिन केवल दोपहर दो बजे तक ही कारोबार की अनुमति होगी। एटीएफ के इन अनुबंधों में कारोबारी इकाई 100 बैरल, अधिकतम कारोबारी सीमा 10,000 बैरल, टिक साइज 1 रुपये , दैनिक भाव सीमा 4 फीसदी, आरंभिक मार्जिन 5 फीसदी और प्राइस कोट एक्स मुंबई होगा।

सूत्रों के अनुसार, इसका डिलीवरी सेंटर मुंबई का जेएनपीटी पोर्ट रखा गया है। एटीएफ एक विशिष्ट प्रकार का पेट्रोलियम है। भारत में एटीएफ का 78.05 लाख टन उत्पादन होता है। विमानन कंपनियां अपने विमान परिचालन खर्च का 40 फीसदी एटीएफ की खरीददारी पर व्यय करती हैं। अब इसके वायदा कारोबार के बाद कंपनियां एटीएफ की घट-बढ़ से बचने के लिए कमोडिटी एक्सचेंज में हेजिंग का सहारा ले सकती है।

First Published : July 8, 2008 | 12:25 AM IST