चालू खरीफ सीजन में कपास का बोआई क्षेत्र पिछले साल से करीब 11 फीसदी कम है जिसका असर कपास सीजन 2024-25 के उत्पादन पर पड़ेगा। जो कपास की कीमतों में तेजी ला सकता है इसका असर मुहूर्त खरीदारी पर देखने को मिला। हालांकि कपास सीजन 2023-24 के दौरान देश में कपास का उत्पादन, निर्यात और आयात में भी वृद्धि होने का अनुमान है।
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ सीजन में कपास की बोआई का क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले 11.21 फीसदी घटकर 112.48 करोड़ हेक्टेयर रह गया है। पिछले साल कपास का बोआई क्षेत्र 123.69 करोड़ हेक्टेयर था।
मंत्रालय की 17 सितंबर को जारी रिपोर्ट के अनुसार कपास उत्पादक प्रमुख राज्य महाराष्ट्र में कपास का रकबा घटकर 40.024 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 23.626 लाख हेक्टेयर और तेलंगाना में 17.521 लाख हेक्टेयर रह गया जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमशः 42.348 लाख हेक्टेयर, 26.793 लाख हेक्टेयर और 18.018 लाख हेक्टेयर था।
अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024-25 में भारत का कपास उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी घटकर 2.4 करोड़ गांठ (480 पाउंड) रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कपास का क्षेत्र घटने के पीछे किसानों के अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की ओर रुख करना और कपास उत्पादक इलाकों में अत्यधिक गर्मी प्रमुख वजह हैं। मध्य कपास क्षेत्र गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कपास की बोआई कम हुई है। वहां किसानों ने चावल, सोयाबीन और मूंगफली की बोआई शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की कई कपास मंडियों में अनंत चतुर्दशी (17 सितंबर) के दिन किसानों ने कपास का मुहूर्त कारोबार किया। मुहूर्त के दिन कपास में नमी थी, लेकिन फिर भी किसानों को 7,405 रुपये प्रति क्विंटल का अच्छा भाव मिला। पिछले साल 6,481 रुपये प्रति क्विंटल से मुहूर्त हुआ था, जबकि इस साल किसानों को उम्मीद है कि सूखी फसल का भाव 10,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है। केंद्र सरकार ने भी इस साल कपास का समर्थन मूल्य 7,500 रुपये निर्धारित किया है।
सरकारी खरीदी (सीसीआई) दीपावली के आसपास शुरू होने की संभावना है। मुहूर्त के दिन बेहतर भाव मिलने के कारण किसान-कारोबारियों का अनुमान है कि इस साल कपास के दाम 10-20 फीसदी तक अधिक रहेंगे।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) की अवधि के लिए देश में कपास उत्पादन उत्पादन अनुमान बढ़ाकर 3.23 करोड़ गांठ कर दिया है जबकि इसके पहले कपास उत्पादन 3.18 करोड़ गांठ ( एक गांठ में 170 किलोग्राम ) रहने का अनुमान लगाया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक 31 अगस्त तक देश के उत्तरी क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा और राजस्थान ) में 45 लाख गांठ था इस क्षेत्र में उत्पादन 46 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल यहां 43 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था। मध्य क्षेत्र (महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश) में 1.97 करोड़ गांठ कपास का उत्पादन हुआ। इस क्षेत्र में 1.98 लाख कपास उत्पादन होने का अनुमान है । दक्षिण क्षेत्र में 71 लाख गांठ कपास का उत्पादन होने का अनुमान है।
एसोसिएशन के मुताबिक 2023-24 में 16.4 लाख गांठ कपास के आयात होने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 में आयात किए गए 12.5 लाख गांठों से अधिक है। 2023-24 के दौरान घरेलू मांग 3.17 करोड़ गांठ रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल के घरेलू मांग 3.11 करोड़ गांठ थी।
चालू सीजन में कपास का निर्यात बढ़कर 28 लाख गांठ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है जबकि पिछले साल 15.5 लाख गांठ का निर्यात हुआ था।