Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025 के बजट भाषण में विदेशी पूंजी निवेश को मजबूत बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों को सरल बनाने का प्रस्ताव दिया। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘एफडीआई को सुगम बनाने और विदेशी निवेश के लिए मुद्रा के तौर पर भारतीय रुपये का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए FDI और विदेशी निवेश से संबंधित नियम और विनियम आसान बनाए जाएंगे।’
बजट के बाद संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने कहा, ‘साल 2014 से ही हम भारत में कारोबारी सुगमता लाने का प्रयास कर रहे हैं। हर उस क्षेत्र में जहां 26 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति थी, उसे बढ़ाकर 49 फीसदी और जहां संभव था वहां 74 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। इसलिए, हम प्रत्यक्ष विदेश निवेश पर अपनी नीतियों में लगातार ढील देने का प्रयास कर रहे हैं। पहले इसे क्षेत्रवार किया गया। फिर हमने यह दृष्टिकोण अपनाया कि अधिकांश क्षेत्रों में स्वत: मंजूरी के जरिये एफडीआई की अनुमति दी जाए। इसलिए अगर आवश्यक होगा तो हम नियमों को और सरल बना सकते हैं।’
सरकार की यह घोषणा ऐसा वक्त आई है जब वित्त वर्ष 2024 में भारत में विदेशी निवेश पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है और 3.49 फीसदी कम होकर 44.42 अरब डॉलर रह गया है।
वित्त मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आर्थिक समीक्षा से हमें पता चला कि चीन से निवेश महत्त्वपूर्ण है। आज की स्थिति में जब चीन या किसी पड़ोसी देश से निवेश आता है तो वह प्रेस नोट-3 की प्रक्रिया से गुजरता है। इसलिए वह प्रक्रिया अभी भी जारी है। मगर इसका मतलब यह नहीं कि मैं उस सुझाव को नहीं मान रही हूं।’
नेक्स्ट-जेन रिफॉर्म के हिस्से के तौर पर सरकार जन विश्वास विधेयक 2.0 लाने पर काम कर रही है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्यों को उनके व्यवसाय सुधार कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन और डिजिटलीकरण के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ (NPS-Vatsalya) शुरू करने की घोषणा की। इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक योगदान कर सकेंगे। बच्चे के वयस्क होने पर इस योजना को सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा। वित्त मंत्री ने सामाजिक सुरक्षा लाभ में सुधार के उपायों की भी घोषणा की।