बजट 2022-23 में एलपीजी सब्सिडी के प्रत्यक्ष अंतरण के लिए 4,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 2021-22 में इस मद में आवंटित 3,400 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले यह रकम ज्यादा है।
मई 2020 से सरकार एलपीजी पर किसी सब्सिडी का बोझ वहन नहीं कर रही है और आवंटित सब्सिडी का इस्तेमाल माल ढुलाई लागत में कमी लाने में किया जा रहा है। इस कदम से उन ग्राहकों के लिए एलपीजी की लागत कम करने में मदद मिलती है, जो एलपीजी डिपो से दूर रहते हैं। बजट में इस मद में आवंटन इसलिए बढ़ाया गया क्योंंकि परिवहन की लागत बढ़ गई है।
एलपीजी सिलिंडरों पर अतिरिक्त सब्सिडी का आवंटन (जो उत्तर पूर्वी इलाके में देय होता है) भी 2021-22 के 391 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़ाकर 2022-23 में 811 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसकी वजह भी परिवहन की बढ़ती लागत है, जो लाभार्थियों तक एलपीजी सिलिंडर पहुंचाने में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को नए एलपीजी कनेक्शन के वितरण के लिए आवंटन इस बार आधा कर दिया गया है। 2022-23 के बजट में इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2021-22 के बजट के संशोधित अनुमान के तहत 1,618 करोड़ रुपये थे।