केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने सरकार को लॉबी के प्रति आगाह किया है, जो नई फार्मा नीति में रोड़े अटका रहा है।
नीति को अंतिम रूप दिए जाने में हो रही देरी पर गुस्सा जाहिर करते हुए समिति ने कहा है कि उचित कीमतों पर दवाएं उपलब्ध कराना यूपीए सरकार के विभिन्न वायदों में से एक है। समिति का सुझाव ऐसे समय में आया है, जब मंत्रिसमूह ने एक हफ्ते पहले फार्मा नीति के मसौदे को अंतिम रूप दिए जाने पर चर्चा की थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के कुछ मुद्दों पर सहमत न होने के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि कुछ सुझाव उस बिल का एक हिस्सा होंगे जो राज्य सभा में विचाराधीन है।केमिकल और स्वास्थ्य सचिवों से इस समस्या का हल निकालने को कहा है।