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Budget 2024: बजट में सोने, तराशे और पॉलिश किए गए हीरों पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती हो: GJEPC

भारत का रत्न और आभूषण उद्योग सोने, हीरे, चांदी और रंगीन रत्नों सहित कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है।

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भाषा   
Last Updated- January 21, 2024 | 4:11 PM IST

आम बजट से पहले रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (GJEPC) ने सरकार से सोने और कटे व पॉलिश हीरे (CPD) पर आयात शुल्क कम करने का आग्रह किया है ताकि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिल सके।

आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने की मांग

भारत का रत्न और आभूषण उद्योग सोने, हीरे, चांदी और रंगीन रत्नों सहित कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है। GJEPC कीमती धातुओं पर आयात शुल्क को मौजूदा 15 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत करने की मांग कर रही है। इसमें CPD पर सीमा शुल्क को मौजूदा पांच प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने की मांग की गई है।

निकाय ने सरकार से ‘डायमंड इंप्रेस्ट लाइसेंस’ को फिर से शुरू करने और आयात शुल्क में कटौती करने का आग्रह किया। GJEPC ने कहा कि यह भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) से जुड़े हीरा निर्यातकों को उनके बड़े समकक्षों के साथ समान अवसर प्रदान करेगा, हीरा कारोबारियों को हीरा खनन गंतव्यों में निवेश से रोकेगा और कारखानों में हीरे के वर्गीकरण और बिना तराशे हीरे के प्रसंस्करण के मामले में अधिक रोजगार प्रदान करेगा।

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परिषद ने सरकार से सेफ हार्बर नियम के माध्यम से विशेष अधिसूचित क्षेत्रों (SNZ) में कच्चे हीरों की बिक्री की लंबे समय से लंबित मांग पर विचार करने और SNG के माध्यम से संचालन के लिए पात्र संस्थाओं के दायरे का विस्तार करने का आग्रह किया है।

वर्तमान में, SNZ में खनन देशों द्वारा केवल प्रदर्शन सत्र आयोजित किए जाते हैं। परिषद ने यह भी आग्रह किया कि SNZ को उस समय मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र (एफटीडब्ल्यूजेड) के रूप में भी कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए, जब इसका उपयोग विदेशी खनन कंपनियों और इकाइयों द्वारा नहीं किया जाता है।

First Published : January 21, 2024 | 4:08 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)