ऑटोमोबाइल

Vehicle sales: दिसंबर में वाहनों की बिक्री में 12% गिरावट, सालभर की रिकॉर्ड बिक्री के बावजूद बाजार में सुस्ती

कमजोर बाजार धारणा, देरी से भुगतान और ईवी की बढ़ती लोकप्रियता ने घटाई बिक्री। ट्रैक्टर की बिक्री 25.7% बढ़ी, लेकिन अन्य श्रेणियों में गिरावट।

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शाइन जेकब   
Last Updated- January 07, 2025 | 10:06 PM IST

भले ही पिछले साल वाहनों की सर्वाधिक बिक्री हुई और साल 2023 के मुकाबले साल 2024 में 9 फीसदी ज्यादा वाहन बिके मगर दिसंबर 2024 में एक साल पहले के मुकाबले वाहनों की खुदरा बिक्री में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ट्रैक्टर को छोड़कर सभी श्रेणियों के वाहनों की कम बिक्री हुई। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि दोपहिया वाहनों की बिक्री में 18 फीसदी की गिरावट आई और यात्री वाहन 2 फीसदी, वाणिज्यिक वाहन 5.2 फीसदी तथा तीन पहिया वाहनों की बिक्री में 4.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई।

डीलरों ने कम नकदी प्रवाह और खराब बाजार धारणा को गिरावट का प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा कि वाहनों की बिक्री में गिरावट के प्रमुख कारणों में फसलों का भुगतान देर से होने, सरकार से रकम मिलने में देरी होने और वर्षांत शामिल है।

इसके अलावा, लोकप्रिय मॉडलों की आपूर्ति से जुड़ी चुनौतियां और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बढ़ते झुकाव के कारण भी दोपहिया वाहनों की बिक्री पर असर पड़ा। दूसरी ओर, इसके विपरीत, ट्रैक्टर की बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले उल्लेखनीय रूप से 25.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। साल 2024 में कुल मिलाकर 2.61 करोड़ वाहनों की खुदरा बिक्री हुई, जो साल 2023 में बिके 2.39 करोड़ से 9 फीसदी अधिक है।

दोपहिया वाहनों की बिक्री में 11 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और तीन पहिया गाड़ियों की बिक्री 10.5 फीसदी, यात्री वाहनों की बिक्री 5 फीसदी, ट्रैक्टर की बिक्री 3 फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री मामूली रूप से 0.07 फीसदी बढ़ी। दोपहिया वाहनों की बिक्री साल 2018 का अपना रिकॉर्ड तोड़ने से मामूली अंतर से चूक गई, जबकि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी साल 2018 के रिकॉर्ड तक पहुंचने से कुछ दूर रह गई।

फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘दिसंबर में ग्रामीण बाजार ने खराब प्रदर्शन किया ऐसा नहीं कहा जा सकता है। ट्रैक्टरों की बिक्री ने इसे दिखा दिया है। हमारा मानना है कि ऋण उपलब्धता के मुद्दों के अलावा किसानों तक धन नहीं पहुंचा है। आमतौर पर दिसंबर के आखिरी हफ्ते में बिक्री में 50 फीसदी का इजाफा होता है, जो इस बार नहीं हो सका। इसलिए हमारा मानना है कि खरीदारों ने अपनी योजना को टाल दिया और जनवरी में बिक्री में सुधार देखने को मिल सकता है।’ इस बार दिसंबर में 17.5 लाख वाहनों की खुदरा बिक्री हुई, जबकि पिछले साल 2023 के दिसंबर में 20.07 लाख वाहन बिके थे।

यात्री वाहन खंड के लिए सबसे अच्छी बात रही है कि महीने के दौरान इन्वेंट्री स्तर कम होकर 55 से 60 दिनों का रह गया है। अधिकतर डीलरों ने बताया कि अधिक छूट और कर्ज के विकल्प भी कमजोर मांग की भरपाई नहीं कर सके।
यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले 1.9 फीसदी और एक महीने के मुकाबले 8.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसका बड़ा कारण त्योहारी सीजन के बाद इन्वेंट्री का ऊंचा स्तर और स्टॉक खत्म करने के लिए भारी भरकम छूट देना था।

विघ्नेश्वर ने कहा, ‘कमजोर बाजार धारणा, कम नए मॉडलों की पेशकश और डीलरों के बीच कीमतों की तगड़ी प्रतिस्पर्धा ने बिक्री को काफी प्रभावित किया है। कुछ डीलरों को साल के आखिर में छूट के ऑफर से और उत्पाद श्रृंखला बढ़ाने से फायदा मिला है, लेकिन मांग में लगातार सुस्ती बनी रही। कई ग्राहकों ने अधिक लाभ मिलने की संभावना पर गाड़ी की खरीदारी जनवरी तक टाल दी।’

प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनियों में बाजार की दिग्गज मारुति सुजूकी की गाड़ियों की बिक्री में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि ह्युंडै के वाहनों की बिक्री में 2 फीसदी, टाटा मोटर्स की 15 फीसदी और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की गाड़ियों की बिक्री में 9.5 फीसदी की गिरावट आई। मगर टोयोटा किर्लोस्कर की बिक्री 29 फीसदी बढ़ गई और कंपनी ने अपनी 19,392 गाड़ियां बेचीं।

दोपहिया वाहन श्रेणी में एक साल पहले के मुकाबले 17.6 फीसदी और एक महीने पहले के मुकाबले 54.2 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई। कमजोर बाजार धारणा, देरी से सरकारी निधि की निकासी और ऋण की धीमी मंजूरी के कारण वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 5.2 फीसदी और एक महीने पहले के मुकाबले 12.1 फीसदी कम रही। कई ग्राहकों ने साल 2025 के मॉडल के लिए अपनी खरीदारी की योजना भी टाल दी।

 

First Published : January 7, 2025 | 10:06 PM IST