लेखक : शिवा राजौरा

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Manufacturing PMI ने चूमी 16 साल की ऊंचाई, HSBC के सर्वे में रोजगार को लेकर भी कई बातें आईं सामने

वित्त वर्ष 2024 के आखिरी महीने में भारत के विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन शानदार रहा है। इस क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में बढ़कर 59.1 पर पहुंच गया, जो 16 साल में सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इस साल फरवरी में यह 56.9 पर था। एचएसबीसी ने पीएमआई के आंकड़े आज जारी किए और […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Wage Disparity: 2012-22 के दौरान आई वास्तविक वेतन में कमी

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) द्वारा तैयार की गई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2022 तक पिछले एक दशक में नियमित वेतनभोगी कर्मचारियों की वास्तविक कमाई हर साल 1 प्रतिशत कम हुई है। इससे महामारी के संभावित बुरे असर और खराब गुणवत्ता के रोजगार के संकेत मिलते हैं। नियमित वेतन पर […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, उद्योग

Core sector: बुनियादी उद्योगों की वृद्धि 3 माह के उच्चतम स्तर 6.7% पर, फरवरी में IIP 5.5% रहने की उम्मीद

आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि फरवरी में तीन माह के उच्च स्तर 6.7 प्रतिशत (सालाना आधार) पर पहुंच गई जबकि जनवरी में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। छह क्षेत्रों में सुधार होने के कारण बुनियादी उद्योग में इजाफा हुआ। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार उत्पादन बढ़ने के […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Fiscal Deficit: राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के 86.5 फीसदी पर, FY24 में केंद्र सरकार का कुल खर्च 37.5 लाख करोड़ रुपये रहा

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक बढ़कर पूरे साल के लिए संशोधित लक्ष्य 17.34 लाख करोड़ रुपये का 86.5 फीसदी यानी 15.01 लाख करोड़ रुपये रहा है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से आज जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की समान […]

आज का अखबार, उद्योग, ताजा खबरें

भारत की ग्रोथ के लिए श्रम आधारित विनिर्माण ही एकमात्र विकल्प: रिपोर्ट

भारत के सामने कम से कम अगले एक दशक में श्रम आधारित विनिर्माण पर केंद्रित वृद्धि के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि हर साल श्रम बल में 70 से 80 लाख युवा शामिल हो रहे हैं। मंगलवार को जारी ताजा इंडिया इंप्लाइमेंट रिपोर्ट 2024 में यह कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है […]

आज का अखबार, भारत

Atal Pension Yojana खाते बंद: 32% लोगों की सहमति नहीं, 38% को पैसों की जरूरत

केंद्र सरकार की असंगठित क्षेत्र की अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में हर तीन में से करीब एक सबसक्राइबर ने खाता बिना सहमति के खोले जाने के कारण इसे बंद करा दिया है। यह जानकारी भारतीय सामाजिक विज्ञान अध्ययन परिषद के नमूना अध्ययन में दी गई है। बैंक कर्मियों ने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के […]

अर्थव्यवस्था, ताजा खबरें

EPFO: जनवरी में कम पैदा हुई नई नौकरियां, श्रम बाजार में मंदी

सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय EPFO ने जनवरी में औपचारिक श्रम बाजार में मंदी का अनुभव किया। जनवरी महीने के दौरान कम नई नौकरियां पैदा हुईं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा रविवार को जारी नवीनतम पेरोल डेटा के मुताबिक, जनवरी 2024 में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के तहत नए मासिक ग्राहकों की […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलने से मार्च में व्यावसायिक गतिविधि 8 महीने के उच्चतम स्तर पर

भारत में निजी क्षेत्र की गतिविधियां मार्च में बढ़कर आठ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गईं। इसे सामान उत्पादकों की शानदार वृद्धि और जबरदस्त मांग से मदद मिली। इससे कुल बिक्री भी तेजी से बढ़ी। एचएसबीसी फ्लैश इंडिया का मार्च में कंपोजिट पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) का आउटपुट सूचकांक बढ़कर 61.3 हो गया जबकि […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर के लिए केंद्रीयकृत प्राधिकरण बने, ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट फाउंडेशन ने रिपोर्ट में रखी राय

गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर की सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र को राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक केंद्रीकृत समन्वय प्राधिकरण का गठन करना चाहिए। यह राय एक अध्ययन रिपोर्ट में व्यक्त की गई है। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट (OMI) फाउंडेशन की रिपोर्ट ‘भारत की प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था में सामाजिक सुरक्षा : आपूर्ति गतिशीलता को बढ़ावा देना’ के […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड करोड़ों प्रवासी मजदूरों के बनाए जाएं राशन कार्ड, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिया आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करीब 8 करोड़ प्रवासी मजूदरों को दो महीने में राशन कार्ड मुहैया करवाएं। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले मजदूर शामिल नहीं हैं। इस संबंध में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनुपूरक हलफनामा […]