मणिपुर संकट: भाजपा की पहचान की राजनीति और पूर्वोत्तर में बढ़ती चुनौतियां
बीते एक दशक में जब-जब नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों का जिक्र आया है तो ‘ताकतवर’ शब्द बार-बार देखने को मिला है। प्रश्न यह है कि वर्तमान सरकार वाकई में ताकतवर है या कमजोर? मणिपुर इसकी शुरुआत करने के लिए एक बढ़िया जगह है। अगर आप मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थक हैं […]
राष्ट्र की बात: रचनात्मक स्वतंत्रता का दुरुपयोग गलत
आश्वस्त रहिए यह नेटफ्लिक्स पर आई अनुभव सिन्हा की वेबसिरीज ‘आईसी-814 : द कंधार हाइजैक’ पर आधारित एक और आलेख नहीं है। बल्कि यह आलेख समकालीन इतिहास के किसी भी अध्याय या व्यक्तित्व पर आधारित कला, साहित्य, सिनेमा या टीवी सिरीज से जुड़ी भयावह या शारीरिक दृष्टि से खतरनाक चुनौती को लेकर व्यापक विमर्श को […]
राष्ट्र की बात: बांग्लादेशी हिंदुओं की चिंता और भारत का रुख
यह ऐसा दौर है जहां छोटे-मोटे विवाद भी भू राजनीतिक बहसों के विवाद में बदल जाते हैं। पिछले दिनों नरेंद्र मोदी और जो बाइडन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद अमेरिका और भारत के बयानों में जो अंतर है उसे हम इसी आलोक में देख सकते हैं और मजाक के रूप में खारिज […]
राष्ट्र की बात: मोदी का तीसरा कार्यकाल और तीन ‘सी’ का जाल
सी से शुरू होने वाला एक शब्द सेंसस यानी जनगणना अचानक राष्ट्रीय सुर्खियों का विषय बन गया है, जबकि इसे एक आम विषय होना चाहिए था। जैसा कि हम जानते हैं यह समय भी हमारे राजनीतिक इतिहास का आम समय नहीं है। पिछले दशक में कई पुराने नियम नए सिरे से तैयार हुए, कुछ नियम […]
राष्ट्र की बात: पड़ोसी का सम्मान होगी सही रणनीति, बदले समीकरण लेंगे मोदी सरकार की परीक्षा
बांग्लादेश के घटनाक्रम ने एक बार फिर भारत के पड़ोस को सुर्खियों में ला दिया है। साथ ही ऐसी स्थितियों से निपटने के मोदी सरकार के रिकॉर्ड पर भी सबकी नजर है। आज के हालात पर गहराई से नजर डालने के लिए हमें चौथाई सदी पहले जाना होगा, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर की […]
राष्ट्र की बात: सत्ताधारी पक्ष बचाव में और विपक्ष आक्रामक
हम अक्सर क्रिकेट से जुड़े हालात और रूपकों की मदद से राजनीतिक जटिलताओं को समझने का प्रयास करते हैं। इस समय ओलिंपिक खेल और यूरो कप चल रहे हैं इसलिए हॉकी और फुटबॉल का जिक्र अधिक उचित होगा। आइए देखते हैं कि कैसे हॉकी या फुटबॉल के खेल में आने वाले बदलाव हमारी राष्ट्रीय राजनीति […]
राष्ट्र की बात: कोचिंग व्यवसाय और इसका वीभत्स रूप
दिल्ली में केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले एक कोचिंग संस्थान में तीन छात्रों की दर्दनाक मौत के बाद हमारी ‘व्यवस्था’ का हिस्सा समझे जाने वाले सभी लोग एवं संगठन हरकत में दिख रहे हैं। पश्चिमी दिल्ली में यूपीएससी के लिए तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों का गढ़ बन चुके […]
राष्ट्र की बात: भारतीय मध्य वर्ग की क्या हैं विशेषताएं?
हालिया बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्य वर्ग को छेड़ कर बहुत मुश्किल हालात पैदा कर दिए। पूरे सप्ताह उन्हें तथा उनके मंत्रालय को सोशल मीडिया पर हमलों का सामना करना पड़ा। मुख्य धारा के मीडिया के लोगों ने जरूर संतुलित ढंग से आश्चर्य प्रकट किया। पूंजीगत लाभ कर में परिवर्तन (अमीरों से […]
Budget 2024: भाजपा को ‘बेस’ पसंद है, समझिए इस फॉर्मूले का मतलब
समझ की दृष्टि से सरलता के लिए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संक्षिप्त अक्षरों के प्रति लगाव से संकेत ग्रहण करते हुए हम इस बजट को ‘बेस’ प्रभाव वाला बजट कह सकते हैं। या फिर सलमान खान की फिल्म सुल्तान के एक गाने से प्रेरणा लेते हुए कहा जा सकता है कि ‘भाजपा को बेस […]
कांग्रेस का प्रदर्शन और राहुल में बदलाव
राहुल गांधी जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार के पहले पूर्ण संसद सत्र में जा रहे हैं तब उनके लिए यह राहत की बात हो सकती है कि पिछले दो दशकों से उन्हें परेशान कर रहे तीन सवाल अब खत्म हो चुके हैं। पहला, क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस को गंभीरता से […]