नीति नियम: वर्तमान सरकार का गत पांच वर्षों का प्रदर्शन
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का दूसरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इस बात की पूरी उम्मीद है कि यह सरकार एक बार फिर चुनकर आएगी, ऐसे में इस बात पर विचार करना उचित है कि अपेक्षाकृत उथलपुथल भरे पांच वर्षों में उसका प्रदर्शन कैसा रहा है। खासकर आर्थिक प्रबंधन के मामले में। हमारा […]
नीति नियम: चुनावों से निकले जनादेश और उनमें बदलाव
दुनिया के पांच बड़े देशों में से चार- भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और पाकिस्तान-में 2024 में या तो चुनाव होंगे या हो चुके हैं। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव यानी यूरोपीय संसद के चुनाव भी होने हैं। मैक्सिको, रूस और यूनाइटेड किंगडम सहित दुनिया के कई अन्य बड़े तथा प्रभावशाली देशों में ऐसे चुनाव […]
Russia-Ukraine War: दो वर्षों से निकले तीन सबक
Russia-Ukraine War: रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के दो वर्षों में दुनिया में क्या परिवर्तन आया है? भविष्य की भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक राष्ट्रीय नीतियों पर इसका क्या असर पड़ सकता है? क्या यह केवल यूरोपीय युद्ध है जो शेष विश्व पर भी कुछ न कुछ असर छोड़ेगा, बशर्ते कि हम खाद्य और ईंधन आपूर्ति […]
नीति नियम: यह बीस साल पहले वाली भाजपा नहीं
बीस साल पहले केंद्र का तत्कालीन सत्तारूढ़ दल नए सिरे से बहुमत पाने की उम्मीद के साथ आम चुनाव में उतरा था। उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी देश के सबसे पसंदीदा राजनीतिज्ञ थे और विपक्ष का नेतृत्व एक ऐसे नेता के हाथ में था जिसकी काबिलियत के बारे में शायद ही कोई जानता […]
प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बढ़त पर अमेरिका
कुछ लोगों के लिए यह याद करना मुश्किल हो सकता है लेकिन महज दो दशक पहले अमेरिका और यूरोप का बड़ा हिस्सा प्रति व्यक्ति आय के मामले में तुलनात्मक रूप से एक समान था। यह समानता उनके उत्पादों की प्रतिस्पर्धा तथा उनकी कंपनियों की वैश्विक कद में नजर आती थी। वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान […]
नीति नियम : विदेश नीति से तय होगी दुनिया में चुनावी राह!
हमारे लिए यह याद करना मुश्किल हो सकता है लेकिन पांच साल पहले इसी अवधि के दौरान ऐसा निश्चित नहीं लग रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े बहुमत के साथ दोबारा निर्वाचित होंगे। उन दिनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदरूनी हलकों में इस बात को लेकर चर्चा चल रही थी कि अगर पार्टी […]
नीति नियम: AI और नियामकों में बढ़ेगा टकराव!
नियम-कायदे बनाने की कला का एक सार्वभौमिक सत्य यह है कि नियम बनाने वाले अनिवार्य तौर पर तकनीकी विकास के मुकाबले पीछे ही रह जाते हैं। उदाहरण के लिए अमेरिकी सड़कों पर कारें आम होने के दो दशक बाद ही पहला ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य किया गया था। नियम बनाने वालों ने अब इस तथ्य के […]
एक असहज जलवायु गठबंधन
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन के कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज का 28वां संस्करण यानी कॉप28 की बैठक पिछले दिनों दुबई में संपन्न हो गई। कई जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए यह बैठक विफल रही क्योंकि अंतिम संवाद में जो कदम उठाने के वादे किए गए हैं वे कार्बन उत्सर्जन को औद्योगीकरण के पूर्व के स्तर […]
नीति नियम: हेनरी किसिंजर…सफलता से अधिक विफलताएं
हेनरी किसिंजर (Henry Kissinger) के जीवन और प्रभाव को लेकर अधिकांश चर्चा उनके द्वारा कंबोडिया से लेकर वियतनाम और चिली से बांग्लादेश तक की गई बुराइयों अथवा उठाए गए गलत कदमों के इर्द-गिर्द ही घूमती है। इसे तो आसानी से समझा जा सकता है, लेकिन जो कुछ नजरअंदाज किया गया अथवा जिसे बहुत कम करके […]
नीति नियम: रेल यात्रियों की सुगम यात्रा के बहाने कुछ बातें…
हममें से जो लोग शानदार वंदे भारत ट्रेनों या दो शहरों के बीच अबाध और आरामदेह यात्रा मुहैया कराने वाली शताब्दी के वीडियो से खुशफहमी के शिकार हो गए थे, उन्हें पिछले एक पखवाड़े में सामने आए उन वीडियो ने स्तब्ध कर दिया जिनमें लोग त्योहारी मौसम में घरों को जाने के लिए ट्रेनों में […]