बजट में व्यावहारिकता के साथ ही सीमाओं पर रखा गया ध्यान
बजट की सराहना अवश्य करनी होगी क्योंकि इसमें व्यावहारिकता झलकती है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने जो चुनौतियां हैं, उन्हें देखते हुए यह शानदार बजट है। पिछले सात वर्षों में सरकार ने बहुत सोच-समझ कर सार्वजनिक खर्च बढ़ाया है और इसे वित्त वर्ष 2018 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.5 प्रतिशत से […]
क्या वैश्विक बाजार में जारी रहेगी तेजी?
जोखिम भरी परिसंपत्तियों के लिए 2024 बेहतरीन साल रहा। बिटकॉइन, सोना और अमेरिकी शेयर का प्रदर्शन खास तौर पर शानदार रहा। अमेरिका में एसऐंडपी 500 सूचकांक ने लगातार दूसरे साल 25 फीसदी से अधिक प्रतिफल दिया। इससे पहले अमेरिकी शेयरों ने लगातार दो साल तक 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि 1997-98 में डॉट कॉम […]
अमेरिकी बाजारों में तेजी और बाकी दुनिया
अमेरिका के शेयर बाजारों पर विभिन्न बाजार पर्यवेक्षकों के आलेखों और टिप्पणियों की बाढ़ देखने को मिली। लगभग उन सभी का मानना था कि वह इकलौता ऐसा बाजार है जहां निवेश करना सही है। इनमें से अधिकांश बाजार पर्यवेक्षकों का मानना है कि अमेरिकी बाजार अपनी तेजी के उच्चतम स्तर पर हैं। यह सहमति इतनी […]
शेयर बाजार प्रतिफल की चौथाई सदी…
भारत ने विगत 25 वर्षों में जहां बेहतरीन वास्तविक रिटर्न दिया है, वहीं उच्च मूल्यांकन के कारण इसका टिकाऊ बने रहना मुश्किल प्रतीत होता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश मुझे डीबी बैंक के जिम रीड और उनकी टीम द्वारा किया गया एक दिलचस्प अध्ययन पढ़ने को मिला जो वित्तीय बाजारों के विगत 25 वर्षों […]
ग्लोबल वेंचर कैपिटल की स्थिति से सीखे भारत
पश्चिम में उद्योग चौराहे पर खड़ा है क्योंकि निवेश बाहर निकालने का रास्ता ही नहीं मिल रहा है। भारत को ऐसी गलती करने से बचना चाहिए। बता रहे हैं आकाश प्रकाश वेंचर कैपिटल (वीसी) पर नजर डालें तो बेहद दिलचस्प उद्योग है। पिछले 30 साल में यह सबसे बेहतरीन रिटर्न देने वाली परिसंपत्ति श्रेणी है […]
चीन को पछाड़ भारत बना सबसे बड़ा उभरता बाजार मगर तकनीक और ऊर्जा में सीखने होंगे सबक
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक अगस्त के अंत में भारत उभरते बाजारों की दुनिया में चीन को पछाड़कर सबसे बड़ा बाजार बन गया। यह तथ्य एमएससीआई ऑल कंट्रीज वर्ल्ड आईएमआई (निवेश योग्य लार्ज, मिड एवं स्मॉल कैप) सूचकांक में भारत के भार पर आधारित है। जल्द ही यह एमएससीआई के उभरते बाजार सूचकांक में भी नजर […]
चीन का जनसंख्या संकट: भारत के लिए सबक और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका असर
ज्यादातर लोगों को पता है कि चीन जनसंख्या की समस्या से जूझ रहा है। इसकी जड़ में एक संतान वाली नीति और बदलते सामाजिक सांस्कृतिक मानक हैं और देश के सामने बड़ी जनांकिकी चुनौतियां खड़ी हैं। परंतु मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि वे चुनौतियां कितनी गंभीर हैं, दशक भर में उनका […]
धीमी होगी चाल और ऊपर जाएंगे बाजार
अधिकांश निवेशक फिलहाल इस पहेली में उलझ कर रह गए हैं कि भारतीय और अमेरिकी बाजारों को लेकर क्या रणनीति अपनाई जाए। पिछले 30 वर्षों के दौरान ये दोनों ही दुनिया के बेहतरीन बाजार रहे हैं, परंतु वर्तमान परिदृश्य में दांव लगाने के लिहाज से सबसे महंगे दिख रहे हैं। तो क्या यह सोचते हुए […]
बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुद्रीकरण और हम
मैं कई दशकों से भारतीय बाजारों में निवेश कर रहा हूं। इस दौरान, हमने वैश्विक कंपनियों को भारतीय परिचालन में निरंतर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते देखा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने लगातार ऐसे अवसरों की तलाश की है जिनकी बदौलत वे अपना आर्थिक स्वामित्व बढ़ा सकें या अपनी भारतीय अनुषंगी कंपनियों को पूरी तरह निजी बना सकें। […]
विदेशी निवेशकों के लिए भारत में चुनाव नतीजे के मायने
भारत दीर्घ अवधि के लिहाज से उम्दा दांव बना हुआ है, मगर मूल्यांकन को लेकर निवेशकों के मन में चिंता लगातार बनी हुई है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश मुझे अमेरिका में वैश्विक निवेशकों एवं दीर्घ अवधि के लिए पूंजी लगाने वाले दिग्गजों के साथ कुछ समय व्यतीत करने का अवसर मिला था। इनमें कई […]