पूंजीगत व्यय में गिरावट के भीतर छिपा अवसर
केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में गिरावट लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। यकीनन इसमें हो रही गिरावट धीमी हुई है और चालू वित्त वर्ष में जो पूंजीगत व्यय 35 फीसदी कम था वह पहली छमाही के अंत में 15 फीसदी ही कम रह गया। परंतु 2024-25 में अप्रैल-नवंबर के नए आंकड़े बताते हैं […]
जुलाई 2024 के वादों से निखरेगा बजट !
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आगामी आम बजट पेश करने में अब छह हफ्ते से भी कम समय रह गया है। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए उन्हें क्या करना चाहिए, इसकी अपेक्षाएं बढ़ती जा रही हैं। कई औद्योगिक संगठन और उद्योग के अगुआ उम्मीद कर रहे हैं कि वह खजाने को […]
नई बात नहीं है रिजर्व बैंक में अफसरशाहों की नियुक्ति
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बुनियाद 1935 में रखी गई और तब से बीते 90 साल में 25 गवर्नरों ने उसकी कमान संभालकर भारत के बैंकिंग नियमन तथा मौद्रिक नीति निर्माण का काम देखा है। इनमें से 14 प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे, सात पेशेवर अर्थशास्त्री थे और तीन वित्तीय क्षेत्र से थे। आरबीआई कैडर […]
महिलाओं और नकद योजनाओं से बदलते चुनावी समीकरण
महाराष्ट्र और झारखंड के विधान सभा चुनावों के नतीजों का विश्लेषण करने वालों में इस बात को लेकर लगभग एक राय है कि चुनावी राजनीति में स्त्री शक्ति का एक पहलू नजर आया है। अब सवाल मतदाताओं को नकदी अंतरण या कल्याण योजनाओं का वादा करने का नहीं है। इनकी घोषणा करने वाले राजनीतिक दलों […]
पूंजीगत व्यय में कमी का क्या है अर्थ?
केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में कमी न केवल स्पष्ट है बल्कि इसने पहले ही 11.11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर संदेह पैदा कर दिया है। यह लक्ष्य 2024-25 के बजट में उल्लिखित है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का संकेत है कि वर्ष की पहली छमाही में पूंजीगत […]
Opinion: राजकोषीय प्रदर्शन सुधारने के लिए खर्च में कटौती से इतर उपाय अपनाने की जरूरत
केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष कर संग्रह में बीते कुछ वर्षों में काफी इजाफा हुआ है और वित्त मंत्रालय भी इससे उत्साहित है, जो स्वाभाविक भी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के विश्लेषण के अनुसार 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में प्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी 6.64 फीसदी रही, जो 24 सालों का उच्चतम स्तर […]
एमटीएनएल को स्टेट बैंक की चेतावनी का अर्थ
भारतीय स्टेट बैंक ने बकाया कर्ज की वसूली के लिए एमटीएनएल को जो नोटिस दिया है, वह इस दूरसंचार कंपनी के स्वामित्व में बदलाव का अवसर प्रदान करता है। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य पिछले सप्ताह महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) खबरों में थी। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने […]
तीसरी मोदी सरकार के सौ दिन से निकले संकेत
गत 9 जून को सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पिछले सप्ताह पूरे हो गए। इस बार 100 दिन के कामकाज का जश्न पिछली मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल के जश्न से कितना अलग था? जाहिर है इन आयोजनों में पहले 100 दिन की बड़ी उपलब्धियों […]
बढ़ती पारदर्शिता और राजकोषीय सूझबूझ: बजट में वह अहम जानकारी जिसकी कर दी गई अनदेखी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश किया और संसद ने उसे 8 अगस्त को मंजूरी दे दी। इस बजट में वित्त मंत्री ने एक नई और अहम जानकारी दी, जिसकी लगभग अनदेखी ही कर दी गई। यह जानकारी या खुलासा बजट के व्यय दस्तावेज के वक्तव्य क्रमांक 27-ए […]
लैटरल एंट्री और UPS: दो निर्णयों के बहाने मोदी सरकार की शासन शैली में बदलाव की कहानी
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के आरंभ में ही देश का फौलादी ढांचा कहलाने वाली अफसरशाही के बारे में दो निर्णय लिए। पहला निर्णय विपक्ष के विरोध के कारण हड़बड़ी में वापस ले लिया गया और दूसरे का खास विरोध ही नहीं हुआ। पहला निर्णय था अफसरशाही में लैटरल एंट्री यानी सीधी भर्ती […]