वजन घटाने के भारतीय बाजार में बढ़त हासिल करने की दौड़ तेज हो गई है। इसकी एक वजह इलाई लिली को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से वजन कम करने की अपनी दवा मॉन्जारो (Mounjaro) को प्रीफिल्ड क्विकपेन प्रेजेंटेशन में बेचने का विपणन अधिकार मिल गया है। इस साल मार्च में आई यह दवा अभी तक इस्तेमाल के लिए तैयार पेन के बजाय केवल शीशियों में ही उपलब्ध थी। अमेरिका की दिग्गज फार्मा कंपनी की यह घोषणा डेनिश फार्मा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क के भारतीय बाजार में वीगोवी पेश किए जाने के ठीक एक दिन बाद आई है।
भारत में अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों की तीसरी सबसे ज्यादा संख्या है। इंडिया डायबिटीज (इंडियाब) के अध्ययन में कहा गया है कि देश में 25.4 करोड़ लोग सामान्य मोटापे और 35.1 करोड़ लोग पेट के मोटापे से पीड़ित हैं। हालांकि वजन कम करने वाली दवा का बाजार सीमित है, लेकिन हाल के दिनों में भारत में इसमें तेजी दिखी है।
बाजार अनुसंधान कंपनी फार्मारैक के आंकड़ों के अनुसार मॉन्जारो की बिक्री मई में 60 प्रतिशत बढ़ी है जो भारत में इसकी शुरुआत के बाद का दूसरा पूरा महीना है। इस दवा ने मई में 12.61 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। अप्रैल में यह 7.88 करोड़ रुपये थी।
इसी तरह उम्मीद है कि वीगोवी जून 2025 के अंत तक देश भर के बाजार में उपलब्ध होगी। जहां मॉन्जारो वर्तमान में केवल दो डोज स्ट्रेंथ में उपलब्ध है – 2.5 मिलीग्राम और 5 मिलीग्राम, जिनके दाम 14,000 रुपये से 17,500 रुपये प्रति माह है, वहीं वीगोवी पांच डोज स्ट्रेंथ में उपलब्ध होगी – 0.25 मिलीग्राम, 0.5 मिलीग्राम, 1 मिलीग्राम, 1.7 मिलीग्राम और 2.4 मिलीग्राम की मेंटेनेंस डोजिंग, जिनकी मासिक कीमत 17,345 से 26,050 रुपये के बीच है।