पिछले साल सितंबर में पेश यूपीआई-लाइट (UPI Lite) का इस्तेमाल बढ़ाने के प्रयास में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब यूपीआई-लाइट ऑन-डिवाइस वॉलेट के जरिये नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर यूपीआई पर ऑफलाइन भुगतान की पेशकश का प्रस्ताव रखा है।
इससे कम इंटरनेट या बगैर दूरसंचार कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान के इस्तेमाल में मदद मिलेगी और ट्रांजेक्शन विफल होने की दर घटेगी।
बोलकर भी भुगतान किया जा सकेगा
साथ ही, भारत के इंस्टैंट पेमेंट सिस्टम में एक नया अध्याय जोड़ते हुए केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को आर्टीफिशल इंटेलीजेंस के जरिये यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पर ‘कन्वर्जेशनल पेमेंट’ के इस्तेमाल का भी प्रस्ताव रखा। यानी योजना पर सही तरह से अमल हुआ तो अब बोलकर भी भुगतान किया जा सकेगा। उद्योग ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा है कि इस कदम से पूरे देश में डिजिटल प्लेटफॉर्म की पैठ बढ़ेगी।
यूपीआई लाइट पर प्रति लेनदेन बढ़ाने का प्रस्ताव
इसके अलावा, नियामक ने ट्रांजेक्शन की सीमा यूपीआई लाइट पर प्रति लेनदेन 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का भी प्रस्ताव रखा है, लेकिन संपूर्ण सीमा 2,000 रुपये प्रति पेमेंट डिवाइस रखी गई है।
आरबीआई ने कहा हैकि ये सीमाएं नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) और यूपीआई लाइट के लिए छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान (ऑफलाइन विकल्प समेत) पर निर्धारित की गई हैं।
आरबीआई ने इन घटनाक्रम और नियामकीय नीतियों पर जारी एक बयान में कहा है, ‘एनएफसी फीचर न सिर्फ ऐसे हालात में रिटेल डिजिटल भुगतान में सक्षम बनाएगा, जब इंटरनेट/दूरसंचार कनेक्टिविटी की समस्या या गैर-उपलब्धता हो। इससे ट्रांजेक्शन विफल रहने की गति भी कम होगी। इस संबंध में एनपीसीआई को जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।’
यूरोनेट के प्रबंध निदेशक (भारत और दक्षिण एशिया) प्रणय झावेरी ने कहा, ‘इससे निश्चित तौर पर नई क्षमताओं का विकास होगा और उपयोगकर्ताओं के लिए आसानी से इस्तेमाल की जाने वाली व्यवस्था के निर्माण में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ेंगे और पूरे देश में इसकी पहुंच मजबूत होगी।
ऑफलाइन लेनदेन होगा सुगम
इसके अलावा, एनएफसी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ऑफलाइन लेनदेन सुगम होगा जिससे समाधान मानकों और ग्राहक अनुभव में सुधार आएगा।’ एनएफसी शॉर्ट-रेंज वाली वायरलेस कनेक्टिविटी टेक्नोलॉजी है जो फोन और पेमेंट टर्मिनल को एक-दूसरे से जोड़ने की अनुमति देगी।
यूपीआई-लाइट को ट्रांजेक्शन में खामियां कम करने और बैंकों के लिए प्रक्रिया संसाधन अनुकूल बनाने के मकसद से सितंबर 2022 में शुरू किया गया था। आरबीआई ने कहा है कि यूपीआई-लाइट हर महीने 1 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन प्रोसेस करता है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम यूपीआई लाइट के संदर्भ में आरबीआई की नई घोषणाओं का स्वागत करते हैं।’