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बिना रजिस्टर डिवाइस से काम करने से बढ़ रहा हैकिंग का खतरा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- January 10, 2023 | 8:22 AM IST

कर्मचारियों द्वारा कार्य से जुड़े प्लेटफॉर्मों तक पहुंच बनाने के लिए गैर-पंजीकृत डिवाइस और वि​भिन्न नेटवर्कों के इस्तेमाल से भारत में संगठनों के लिए नई सुरक्षा चुनौतियां पैदा हो रही हैं। सिस्को द्वारा कराए गए एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।

भारत में 95 प्रतिशत व्यावसायिक दिग्गजों का कहना है कि उनके कर्मचारी वर्क प्लेटफॉर्म पर लॉग इन करने के लिए गैर-पंजीकृत डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं। अध्ययन में कहा गया है कि करीब 82 प्रतिशत का कहना है कि उनके कर्मचारी इन गैर-पंजीकृत उपकरणों से अपने दैनिक कामकाज का 10 प्रतिशत से ज्यादा समय बिताते हैं।

अध्ययन की निष्कर्ष रिपोर्ट वै​श्विक तौर पर 10 से 1,000 कर्मचारी वाले संगठनों में साइबर सुरक्षा जिम्मेदारियों से जुड़े 6,700 व्यावसायिक और आईटी दिग्गजों के स्वतंत्र सर्वे पर आधारित है। सभी साक्षात्कार अगस्त से सितंबर 2022 के बीच ऑनलाइन के माध्यम से किए गए थे और प्रतिभागी 27 बाजारों से जुड़े हुए थे।

यह जो​​खिम ऐसी कार्य प्रणाली से जुड़ा हुआ है जिसे सुरक्षा दिग्गजों द्वारा मान्यता प्राप्त है और भारत में 95 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि हाइब्रिड वर्क के लिए रिमोट के माध्यम से लॉग इन करने से साइबर सुरक्षा चूक की आशंका बढ़ी है।

यह समस्या अब और ज्यादा जटिल हो गई है, क्योंकि कर्मचारी अपने घरों, स्थानीय कॉफी शॉप, और सुपरमार्केटों से भी वर्क फ्रॉम नेटवर्कों पर लॉग इन कर रहे हैं। सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में करीब 94 प्रतिशत प्रतिभागियों का कहना था कि उनके कर्मचारी वर्क के लिए लॉग इन के संबंध में कम से कम दो नेटवर्कों का इस्तेमाल करते हैं और 75 प्रतिशत का कहना है कि उनके कर्मचारी पांच से ज्यादा नेटवर्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सर्वे में कहा गया है कि गैर-पंजीकृत सुरक्षा डिवाइस का इस्तेमाल सुरक्षा पेशेवरों को मौजूदा चुनौतीपूर्ण परिवेश में समस्याओं से निपटने के लिए बाध्य कर रहा है। साइबर सुरक्षा खतरों का सामना करने वाले करीब 81 प्रतिशत कारोबारियों का कहना है कि उन्हें कम से कम 100,000 डॉलर का नुकसान हुआ। 4

First Published : January 10, 2023 | 8:22 AM IST