इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स (Sensex) व निफ्टी (Nifty) ने छह दिन से चली आ रही गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को पलट दिया क्योंकि अनुमान से कमजोर महंगाई के आंकड़ों के बाद अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में नरमी आई।
देसी इक्विटी बेंचमार्क में करीब 5 फीसदी गिरावट के बाद खरीदारी में पैदा हुई नई दिलचस्पी से इनमें चार महीने की सबसे बड़ी एक दिवसीय बढ़ोतरी दर्ज हुई।
सेंसेक्स ने 635 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की और यह 63,783 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 180 अंकों के इजाफे के साथ 19,047 पर टिका। दोनों सूचकांकों के लिए 30 जून के बाद की सबसे अच्छा कारोबारी दिवस रहा।
हफ्ते में हालांकि सेंसेक्स व निफ्टी 2.5 फीसदी टूटा
हफ्ते में हालांकि सेंसेक्स व निफ्टी 2.5 फीसदी टूटा और यह 24 सितंबर, 2023 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल नरम हुआ और यह 4.86 फीसदी पर कारोबार कर रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नरम उधारी की फिर से उम्मीद के बीच बॉन्ड प्रतिफल घटा।
अमेरिकी जीडीपी में पिछली तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 4.9 फीसदी की वृद्धि हुई, जो करीब दो साल की सबसे तेज रफ्तार है। इसके साथ ही व्यक्तिगत उपभोग खर्च पर आधारित कीमत सूचकांक घटकर 2.4 फीसदी रह गया, जो 2020 के बाद का निचला स्तर है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था के ताजा आंक़ड़ों ने महंगाई में नरमी की फिर उम्मीद पैदा की और वह भी मंदी में गए बिना। अमेरिकी वित्त मंत्री जेनट येलन ने कहा कि आर्थिक आंकड़े बता रहे हैं कि अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही है। कच्चे तेल की कीमतें 1.6 फीसदी बढ़ी और यह 89.7 डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
एमेजॉन व इंटेल की ठोस आय से वैश्विक बाजारों के चेहरे खिल उठे। अमेरिका व यूरोप की कई बड़ी कंपनियों ने हाल में आय की अपनी घोषणाओं में अनिश्चित आर्थिक माहौल को लेकर चिंता जताई है।
इस हफ्ते गिरावट के बाद मूल्यांकन पर नजर रखने वालों की तरफ से खरीदारी की कुछ दिलचस्पी नजर आई। गुरुवार को मॉर्गन स्टैनली ने भारत की रेटिंग ओवरवेट कर दी और कहा कि निवेशकों को मौजूदा गिरावट का इस्तेमाल खरीदारी के लिए करना चाहिए।
शुक्रवार को इजरायली सेना ने कहा कि उसने हमास के खुफिया उप प्रमुख को मार गिराया है, जिन्हें वे 7 अक्टूबर के हमले के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं।
विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 1,500 करोड़ रुपये के शेयर
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को 1,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और इस महीने उनकी कुल बिकवाली 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा, आज की रिकवरी अस्थायी उछाल है। यह निश्चित तौर पर किनारे पर है। आय के मोर्चे पर कुछ संतोष देखने को मिला है। लेकिन बाजार को आगे बढ़ने के लिए और सकारात्मक आय की दरकार है। एफपीआई की बिकवाली आक्रामक बनी हुई है। अगर एफपीआई की इसी तरह बिकवाली होती रही तो यह सिर्फ समय की बात है कि देसी निवेशक भी कुछ सतर्कता के साथ शेयरों पर नजर डालेंगे।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा और 2,825 शेयर चढ़े जबकि सिर्फ 838 में गिरावट दर्ज हुई। रिलायंस इंडस्ट्रीज में नतीजे की घोषणा से पहले 1.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और सेंसेक्स की बढ़त में उसका योगदान सबसे ज्यादा रहा।