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Tata Tech IPO: टाटा टेक के IPO पर टूट पड़े रिटेल निवेशक, जानिए क्यों है इतनी दीवानगी ?

विश्लेषकों को यह भी उम्मीद है कि कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ने और ऑटोनोमस व्हीकल स्पेस से भी फायदा होगा।

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शिवानी शिंदे   
समी मोडक   
Last Updated- November 26, 2023 | 11:04 PM IST

आशालता माहेश्वरी अपनी जिंदगी के 70 से ज्यादा बसंत पार कर चुकी हैं और 1,000 से ज्यादा कंपनियों की शेयरधारक हैं। उनकी इच्छा टाटा टेक्नोलॉजिज (Tata Tech Share) का शेयर हासिल करने की है। उनका तर्क सामान्य है : यह टाटा (Tata) की कंपनी है और कोई भी शेयरधारक यह मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहेगा।

यह पूछे जाने पर कि इस आईपीओ को हासिल करने की अन्य वजह इसका तकनीकी क्षेत्र में होना है और यह वास्तविकता कि टाटा व तकनीक क्षेत्र में यह करीब दो दशक बाद हो रहा है, उन्होंने कहा, कंपनी व समूह का नाम मायने रखता है। टाटा कम मतलब स्थिरता और साख है।

मुंबई के 80 वर्षीय निवासी अनंत शेखर (बदला हुआ नाम) भारतीय आईपीओ में लगातार निवेश करते रहे हैं और उन्होंने इस आईपीओ में पहले दिन ही आवेदन करना सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ इसलिए निवेश कर रहा हूं क्योंकि यह टाटा की कंपनी है। यह हमारे लिए अहम है।

विभिन्न श्रेणी के निवेशकों ने टाटा टेक्नोलॉजिज (Tata Technologies) के 3,043 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए दांव लगाया है। इस आईपीओ को 1.56 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस पर 40,000 करोड़ रुपये का दांव लगाया है। साथ ही रिकॉर्ड 73 लाख आवेदन मिले जबकि पिछला रिकॉर्ड एलआईसी के नाम था, जिसे 61 लाख आवेदन मिले थे।

क्यों है इतनी दीवानगी

जैसा कि ऊपर कहा गया है, कई निवेशकों के लिए वास्तविकता यह है कि टाटा समूह की कंपनी का सूचीबद्ध होना एक मौका है, जिसे गंवाना नहीं चाहिए। दूसरी वजह इसकी कीमत है, जो इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों के मुकाबले उपलब्ध हो रहा है।

विश्लेषकों ने कहा कि समकक्ष कंपनियों के मुकाबले इसकी कीमत आकर्षक है। टाटा टेक का मूल्यांकन तब आकर्षक दिखता है जब हम केपीआईटी टेक के 109 गुना, टाटा एलेक्सी के 68.5 गुना और एलऐंटटी टेक सर्विसेज के 40.1 गुने से इसकी तुलना करते हैं। अगर हम लंबी अवधि के लिए विचार करते हैं तो यह महत्वपूर्ण है।

आईपीओ के प्रति निवेशकों की दीवानगी की वजह इस शेयर को ग्रे मार्केट में मिल रहा मजबूत प्रीमियम भी है। टाटा टेक ने आईपीओ का कीमत दायरा 475-500 रुपये प्रति शेयर तय किया है, लेकिन ग्रे मार्केट इस शेयर के 900 रुपये पर सूचीबद्ध होने का अनुमान लगा रहा है, यानी अनुमानित फायदा 80 फीसदी।

चूंकि हर आवेदक को एक आवेदन ही करने की इजाजत है, ऐसे में कई लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों व मित्रों के डीमैट खाते का इस्तेमाल करते हुए आवेदन किया ताकि आवंटन की संभावना ज्यादा हो सके।

टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयरधारकों व टाटा टेक के कर्मचारियों के अलावा अन्य निवेशकों के पास या तो खुदरा श्रेणी (15,000 रुपये से 1,95,000 रुपये तक) या फिर छोटी एचएनआई श्रेणी (2.10 लाख रुपये से 9.90 लाख रुपये तक) में आवेदन का विकल्प है। खुदरा श्रेणी में हर आठ आवेदकों में एक को आवंटन की संभावना है, वहीं एस-एचएनआई श्रेणी में 38 आवेदकों में से एक को। ऐसे में चुनिंदा भाग्यशाली को ही आवंटन मिलेगा।

टाटा टेक का फंडामेंटल परिदृश्य

कंपनी ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स को प्रॉडक्ट डेवलपमेंट व डिजिटल समाधान मुहैया कराती है। यह इंजीनियरिंग रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट (ईआरऐंडडी) सेगमेंट में आता है, जिसके बारे में नैसकॉम का अनुमान है कि भारत वैश्विक ईआरऐंडडी सोर्सिंग मार्केट में वित्त वर्ष 30 तक 22 फीसदी का योगदान करेगा।

सॉफ्टवेयर, ऑटोमोटिव और सेमीकंडक्टर क्षेत्र वित्त वर्ष 30 तक भारत के ईआरऐंडडी सोर्सिंग के हिस्से में 60 फीसदी से ज्यादा का योगदान कर सकते हैं।

टाटा टेक के लिए टाटा मोटर्स व जेएलआर पांच अग्रणी क्लाइंटों में शामिल हैं। वह दक्षिणपूर्व एशियाई ईवी ओईएम विनफास्ट को अपने पांच अग्रणी क्लाइंटों में शामिल करती है। विश्लेषकों का अनुमान है कि 2022-27 के दौरान टाटा मोटर्स का ईवी सेगमेंट में 1.8 अरब डॉलर के खर्च की प्रतिबद्धता है, जिससे टाटा टेक को फायदा होगा।

विश्लेषकों को यह भी उम्मीद है कि कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ने और ऑटोनोमस व्हीकल स्पेस से भी फायदा होगा।

First Published : November 26, 2023 | 9:42 PM IST