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73 प्रतिशत से ज्यादा KYC वैध: केवाईसी पंजीकरण एजेंसियां

यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब कई निवेशक और म्युचुअल फंड वितरिक नए केवाईसी मानकों से जुड़ी समस्याओं और चिंताओं के बारे में अपनी आवाज उठा रहे हैं।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- April 25, 2024 | 8:09 AM IST

केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (KRA) ने बुधवार को कहा कि इस साल 31 मार्च तक कुल 10.83 करोड़ केवाईसी (नो यॉर क्लाइंट) रिकॉर्ड में से 73 प्रतिशत वैध थे और यह प्रणाली बाकी निवेशकों के लिए उनके केवाईसी को वैध करने के लिए मौजूद थी।

यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब कई निवेशक और म्युचुअल फंड वितरिक नए केवाईसी मानकों से जुड़ी समस्याओं और चिंताओं के बारे में अपनी आवाज उठा रहे हैं। ये नए केवाईसी मानक गैर-प्रमाणित केवाईसी रिकॉर्ड होने की वजह से निवेशकों को किसी फंड हाउस में नया एमएफ इन्वेस्टमेंट अकाउंट शुरू करने से रोक रहे हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के निर्देश पर केआरए ने सभी केवाईसी रिकॉर्ड तीन श्रेणियों-केवाईसी वैलिडेटेड, केवाईसी रजिस्टर्ड और केवाईसी ऑन होल्ड में विभाजित किए हैं।

इस संबंध में जार विज्ञप्ति के अनुसार, 15 प्रतिशत रिकॉर्ड ‘केवाईसी रजिस्टर्ड’ और शेष 12 प्रतिशत ‘केवाईसी ऑन-होल्ड’ स्टेटस से जुड़े हुए हैं।

जिन निवेशकों का केवाईसी ऑन-होल्ड स्टेटस वाला है, वे पुराने एमएफ फोलियो में भी लेनदेन नहीं कर सके। केआरए- सीएलवी, कैम्स, एनएसई और कार्वी ने कहा है कि उनके पास सक्षम हेल्पडेस्क और कॉल सेंटर हैं जहां निवेशक किसी सहायता या मार्गदर्शन के लिए कॉल कर सकते हैं।

उनका कहना है, ‘केआरए केवाईसी स्टेटस की वेरिफिकेशन प्रक्रिया के बारे में बिचौलियों को जानकारी भी भेज रहे हैं। केआरए निवेशकों को उनके केवाईसी रिकॉर्ड तक पहुंच/संशोधन के बारे में भी सूचना भेज रहे हैं।’

निवेशकों को केवाईसी समस्याओं के बारे में जानकारी देने और वैध केवाईसी से वंचित निवेशकों की मदद के लिए म्युचुअल फंडों ने संगठन और फंड हाउस स्तर, दोनों पर प्रयास तेज किए हैं।

भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (AMFI) ने मंगलवार को केवाईसी समस्याओं और उनके समाधान के बारे में एक बयान जारी किया। एडलवाइस एमएफ ने बुधवार को कहा कि उसने सहायता के लिए हेल्प डेस्क की शुरुआत की है।

यह मुद्दा 1 अप्रैल के बाद गहरा गया, क्योंकि एमएफ को उन निवेशकों को शामिल करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था, जिनका केवाईसी आधार जैसे आधिकारिक वैध दस्तावेजों का उपयोग करके नहीं किया गया था। इन निवेशकों को किसी म्युचुअल फंड योजना (पहले से निवेश से जुड़ी योजनाओं को छोड़कर) में निवेश करने के लिए वैध दस्तावेज इस्तेमाल करके फिर से अपने केवाईसी करने होंगे।

एम्फी के अनुसार, निवेशक किसी भी म्युचुअल फंड की वेबसाइट के जरिये अपना केवाईसी प्रमाणित करा सकते हैं। वे किसी एएमसी या आरटीए कार्यालय में केवाईसी फॉर्म सौंप कर ऑफलाइन भी यह काम पूरा करा सकते हैं।

First Published : April 24, 2024 | 10:16 PM IST