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ग्रामीण इलाकों से मिल रहे ज्यादा SIP खाते, हालांकि निवेश की रकम छोटी

मई से अक्टूबर 2023 के बीच बी-30 से एसआईपी निवेश 26 फीसदी बढ़कर 6,436 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि टी-30 में बढ़त की रफ्तार 22 फीसदी रही।

Last Updated- November 26, 2023 | 10:03 PM IST
SIP

म्युचुअल फंड 30 बड़े शहरों (टी-30) के मुकाबले ग्रामीण इलाकों (बी-30) में नए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान वाले नए खातों में ज्यादा वृद्धि से रूबरू हो रहा है। हालांकि इन इलाकों से मिलने वाला औसत निवेश बड़े शहरों या केंद्रों के मुकाबले काफी कम है।

एसोसिएशन ऑफ म्युचअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण इलाकों ने एसआईपी के जरिये म्युचुअल फंडों को औसतन 1,725 रुपये का योगदान किया, जो अग्रणी शहरों के निवेशकों के निवेश के औसत आकार 2,940 रुपये से 70 फीसदी कम है।

अक्टूबर में बी-30 शहरों के निवेशकों का 3.73 करोड़ एसआईपी खातों के जरिये सकल निवेश 6,436 करोड़ रुपये रहा जबकि टी-30 के निवेशकों ने 3.57 करोड़ खातों के जरिये 10,492 करोड़ रुपये का योगदान किया। बी-30 में एसआईपी खातों का जुड़ाव और एसआईपी निवेश टी-30 के मुकाबले ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ रहा है।

मई से अक्टूबर 2023 के बीच बी-30 से एसआईपी निवेश 26 फीसदी बढ़कर 6,436 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि टी-30 में बढ़त की रफ्तार 22 फीसदी रही। इसके साथ ही बी-30 में सक्रिय एसआईपी खातों ने टी-30 की संख्या को पीछे छोड़ दिया और यह 17 फीसदी की बढ़त के साथ अप्रैल 2023 के 3.17 करोड़ खातों के मुकाबले अक्टूबर के आखिर में 3.73 करोड़ पर पहुंच गई।

म्युचुअल फंड के अधिकारियों ने कहा कि बी-30 क्षेत्र बेहतर वृद्धि दर्ज कर रहा है। इसका कारण जागरूकता में इजाफा और नई पीढ़ी के निवेश विकल्पों की बढ़ती स्वीकार्यता है।

मिरे ऐसेट एमएफ के वाइस चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी स्वरूप मोहंती ने कहा कि महामारी के बाद हम दो चीजें एक साथ देख रहे हैं। पहला, वित्तीय परिसंपत्तियों की ओर बढ़ते कदम और दूसरा, एसआईपी के जरिये देश के छोटे शहरों में म्युचुअल फंडों का प्रसार। यह काफी अच्छा संकेत है क्योंकि ज्यादा भारतीय निवेशक पूंजी बाजारों के जरिये अब भारत के विकास की कहानी में हिस्सेदार बनेंगे।

हालांकि बी-30 के एसआईपी खातों में तीव्र बढ़ोतरी ने निवेश का आकार घटा दिया है। नवंबर 2021 में बी-30 में निवेश का आकार 1,757 रुपये था, जो अक्टूबर 2023 में घटकर 1,725 रुपये रह गया। इसकी तुलना में टी-30 में निवेश का औसत आकार पिछले दो साल में 2,794 से 2,940 रुपये पर आया है।

छोटे शहर म्युचुअल फंडों का ज्यादा ध्यान खींच रहे हैं क्योंकि वहां वृद्धि की ज्यादा गुंजाइश है। विगत वर्षों में फंड हाउस ने इन इलाकों में काफी शाखाएं खोली हैं। उन्होंने वैयक्तिक वितरकों व बैंकों के साथ गठजोड़ के जरिये अपनी वितरण ताकत बढ़ाई है।

हालांकि उद्योग की बी-30 योजना को मार्च 2023 में तब झटका लगा जब बाजार नियामक सेबी ने बी-30 के प्रोत्साहन ढांचे पर रोक लगी दी। इसके तहत फंड हाउस बी-30 से निवेशक हासिल करने के लिए वितरकों को ज्यादा प्रोत्साहन देते थे।

First Published - November 26, 2023 | 10:03 PM IST

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