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पिछले साल प्राथमिक बाजार में 25% गया FPI निवेश

विश्लेषकों ने कहा कि देसी बाजार में तेजी और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में नरमी से इस साल एफपीआई का निवेश बढ़ा है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- January 10, 2024 | 11:20 PM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 2023 में देसी शेयरों में 1.7 लाख करोड़ रुपये(करीब 20 अरब डॉलर) लगाए, जो किसी कैलेंडर वर्ष में हुए सबसे अधिक शुद्ध निवेश में रहा। मगर इसका छोटा हिस्सा ही बाजार से शेयरों की सीधी खरीद में गया। एनएसडीएल के आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई निवेश में से 44,950 करोड़ रुपये प्राथमिक निर्गमों में गए।

आंकड़ों के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज के जरिये एफपीआई ने जो निवेश किया, उसका बड़ा हिस्सा ब्लॉक डील में लगाया गया। इसका मतलब है कि शेयरों की सीधी खरीद में निवेश पहले से कम रहा। पिछले साल 2 लाख करोड़ रुपये (24 अरब डॉलर) की ब्लॉक डील हुईं, जिनमें सबसे बड़े खरीदार एफपीआई थे।

प्राथमिक निर्गम में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO), पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) और राइट्स निर्गम शामिल होते हैं। एनएसडीएल प्राथमिक निवेश और स्टॉक एक्सचेंज के जरिये हुए एफपीआई निवेश के अलग-अलग आंकड़े देता है। ब्लॉक डील सौदे स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के जरिये होते हैं।

बीते दो कैलेंडर वर्ष के दौरान प्राथमिक बाजार में एफपीआई का निवेश स्टॉक एक्सचेंज के जरिये किए गए निवेश से काफी ज्यादा था। वर्ष 2022 में प्राथमिक बाजार में शुद्ध एफपीआई निवेश सकारात्मक था और शेयर बाजार में निवेश ऋणात्मक रहा। मगर 2021 में प्राथमिकबाजार में एफपीआई की खरीदारी बढ़ने से शुद्ध निवेश सकारात्मक रहा था।

बाजार के भागीदारों ने कहा कि मूल्यांकन को नियंत्रण में रखने के लिए जरूरी है कि घरेलू और विदेशी निवेशकों से निवेश नई प्रतिभूतियों के जरिये आए।

कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के बोर्ड सदस्य और प्रबंध निदेशक वी जयशंकर ने कहा, ‘वैश्विक चुनौतियों से भारत लगभग अछूता रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि का अनुमान देखते हुए हमेंएफपीआई और घरेलू संस्थागत निवेशकोंसे 25-25 अरब डॉलर के शुद्ध निवेश की उम्मीद है। देसी-विदेशी निवेशकों से आने वाली तेज निवेश आवक को देखते हुए नई प्रतिभूतियां जारी करना जरूरी होगा। ऐसे में क्यूआईपी, ब्लॉक डील, आईपीओ और पीई निवेशकों का जाना काफी होगा। इससे बाजार में आने वाले ज्यादा निवेश को खींचने में मदद मिलेगी। ऐसा नहीं हुआ तो निवेशक पहले से मौजूद शेयरों पर दांव लगाएंगे और मूल्यांकन काफी बढ़ जाएगा।’

विश्लेषकों ने कहा कि देसी बाजार में तेजी और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में नरमी से इस साल एफपीआई का निवेश बढ़ा है। इसके साथ ही ज्यादातर आईपीओ के सूचीबद्ध होने के बाद बेहतर प्रदर्शन से भी निवेशकों का हौसला बुलंद है। बीएसई आईपीओ सूचकांक 2023 में 41.4 फीसदी बढ़ा है।

सेंट्रम कैपिटल में पार्टनर (निवेश बैंकिंग) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘एफपीआई द्वितीयक बाजार यानी शेयर बाजार के बजाय अगर प्राथमिक बाजार से या सीधे ब्लॉक डील में शेयर खरीदते हैं तो उन्हें ज्यादा शेयर मिल जाते हैं।’

इसी तरह क्यूआईपी से 52,350 करोड़ रुपये जुटाए गए, जिनमें से 21,290 करोड़ रुपये बैंकों से आए। अगर इसमें अन्य वित्तीय संस्थानों को शामिल करें तो आंकड़ा 26,690 करोड़ रुपये तक पहुंचेगा। श्रीवास्तव ने कहा, ‘एफपीआई लार्ज कैप को पसंद करते हैं और उनके पोर्टफोलियो में वित्तीय शेयरों की हिस्सेदारी ज्यादा होती है।’

हालांकि निजी नियोजन पर एफपीआई का रुझान आगे भी बना रह सकता है क्योंकि इस श्रेणी में कई निर्गम आने हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल छोटे आकार के निर्गम ज्यादा आए थे लेकिन इस साल बड़े आईपीओ और क्यूआईपी की उम्मीद है।

 

First Published : January 10, 2024 | 11:18 PM IST