रूस-यूक्रेन हमलों, दरों को लेकर सख्ती और ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से शुरू हुई कई तरह की अनिश्चितताओं के बीच इक्विटी बाजार ने 2022 में कमजोर प्रतिफल दिया। मंदी से जुड़ी चिंताओं और भारतीय शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए 2023 में समस्याएं गहराती नजर आ रही हैं। आईडीएफसी म्युचुअल फंड के मुख्य कार्याधिकारी विशाल कपूर ने अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में कहा कि यदि बाजार की वृद्धि इस कैलेंडर वर्ष में अच्छी रही तो बाजारों में मजबूती आ सकती है।
पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश:
ऊंचे मूल्यांकन और वैश्विक मंदी की चिंताओं का भारतीय बाजारों पर स्पष्ट तौर पर असर नहीं दिखा है। क्या आपको ऐसे सकारात्मक बदलाव नजर आ रहे हैं जिनसे 2023 में बाजारों को गति मिल सके?
भले ही तरलता ने तीन वर्षों के दौरान भारत के मजबूत प्रदर्शन में बड़ा योगदान दिया है, लेकिन आय वृद्धि तीन साल से बाजार के लिए प्रमुख वाहक रही है। इस अवधि के दौरान 43 प्रतिशत की आय वृद्धि के साथ निफ्टी 49 प्रतिशत चढ़ा। अगले 12 महीनों के दौरान, निफ्टी की प्रति शेयर आय 18 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो दुनिया में शानदार आय वृद्धि दरों में से एक होगी।
2022 में स्मॉलकैप में बड़ी गिरावट आई। क्या अब उनका मूल्यांकन काफी आकर्षक हो गया है?
स्मॉलकैप सूचकांक वर्ष 2022 में 2 प्रतिशत गिरा था, जबकि निफ्टी में 4.3 प्रतिशत तक की तेजी आई। भले ही स्मॉलकैप में कमजोर प्रदर्शन किया, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आई। स्मॉलकैप खंड में बनी बुलबुले जैसी स्थिति अब दूर हो गई है, लेकिन यह सेगमेंट बहुत ज्यादा सस्ता नहीं है। निफ्टी के मुकाबले स्मॉलकैप सूचकांक उचित मूल्यांकन के मुकाबले थोड़ा ऊपर कारोबार कर रहा है।
लार्जकैप और मिडकैप सेगमेंटों में मूल्यांकन कैसा है?
तीन सेगमेंटों में, लार्जकैप सस्ते हैं। पिछले दशक के दौरान निफ्टी ने सालाना चक्रवृद्धि आधार पर 12 प्रतिशत का प्रतिफल दिया, जबकि बीएसई मिडकैप 150 सूचकांक ने 16 प्रतिशत सीएजीआर का प्रतिफल दिया। मूल्यांकन के संदर्भ में, मिडकैप सूचकांक ज्यादा महंगा है। लेकिन यह सेगमेंट लार्जकैप के मुकाबले ज्यादा वृद्धि वाली अच्छी गुणवत्ता की कंपनियों तक अधिक केंद्रित है।
मौजूदा परिवेश में इक्विटी योजनाओं में निवेश कैसे करना चाहिए?
हम निवेशकों को दीर्घावधि लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और अपने परिसंपत्ति आवंटन से जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाजार को काफी हद तक ऊंचे मूल्यांकन और वैश्विक अनिश्चितता के मामले में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा है। हालांकि हमें मजबूत आय वृद्धि और भारत के लिए दीर्घावधि विकास परिदृश्य में सकारात्मक बदलावों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। निवेशक बड़ी गिरावट का इस्तेमाल अतिरिक्त पैसा लगाने के लिए कर सकते हैं। नए निवेशक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड या अन्य हाइब्रिड फंड या लार्ज-कैप फंड जैसे निवेश विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
2022 में कौन से सेक्टोरल सुझाव आईडीएफसी एमएफ के लिए अच्छे दांव साबित हुए?
हम अच्छा प्रदर्शन करने वाले कई फंडों के संदर्भ में ऑटोमोटिव पर सकारात्मक रहे, और कॉरपोरेट/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर नकारात्मक रहे।
क्या आप मानते हैं कि इस साल बजट बाजार के लिए कुछ अच्छी खबर लेकर जाएगा?
कई अप्रत्यक्ष कर संबंधित निर्णयों को जीएसटी परिषद के पास स्थानांतरित किए जाने से, नया बजट क्षेत्रीय परिदृश्य से कम
सुर्खियों वाला रह गया है। हालांकि कई लोग ऊंचे राजकोषीय घाटे और सरकारी ऋण-सकल उत्पाद अनुपात को देखते हुए कम करों को पसंद करेंगे। लेकिन ज्यादा कर कटौती की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं से बिकवाली नवंबर में मासिक आधार पर 60 प्रतिशत हो गई, क्योंकि निवेशकों ने मुनाफावसूली पर जोर दिया। क्या आप मानते हैं कि यह सही कदम था, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अच्छा मुनाफा कमाया?
फंडों के विशेष चयन पर ध्यान देने के अलावा, निवेशक इक्विटी में तेजी का लाभ उठाने के लिए निवेश रणनीति में बदलाव लाने पर जोर दे सकते हैं।