सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के निर्यात एवं उसके घरेलू उत्पादन मूल्य के एवज में क्रेडिट देने पर विचार कर रहा है। उस क्रेडिट का इस्तेमाल लैपटॉप, टेबलेट और छोटे सर्वर के आयात में किया जा सकेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के इस कदम से ऐपल इंक और सैमसंग को सबसे अधिक फायदा होगा।
ऐपल इंक और सैमसंग जैसी कंपनियां मोबाइल उपकरणों सहित उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू उत्पादन में दबदबा रखने के साथ-साथ देश से फोन के सबसे बड़े निर्यातकों में से भी एक है। इन दोनों से उन्हें जो क्रेडिट मिलेगा उसका उपयोग वे भारतीय बाजार के लिए अपने लैपटॉप और नोटबुक आयात करने में कर सकते हैं। ऐपल और सैमसंग ने इस बाबत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की इस पहल से सिस्को जैसी कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। इसने हाल ही में भारत में बड़ पैमाने पर निवेश की घोषणा की है।
कंपनी ने कहा है कि वह आने वाले वर्षों में निर्यात और घरेलू उत्पादन में एक अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी ने आईटी हार्डवेयर के लिए संशोधित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के लिए भी आवेदन किया है।