गूगल ने गुरुवार को घोषणा की कि वह भारत में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित खोज (गूगल सर्च) की सुविधा दे रही है। सर्च जेनरेटिव एक्सपीरियंस (एसजीई) कहे जाने वाली यह सुविधा गूगल सर्च पर जेनरेटिव एआई आधारित अनुभव को एक नया आयाम देगी।
गूगल सर्च पर उपयोगकर्ताओं को विकल्प के तौर पर एसजीई उपलब्ध कराया जाएगा। यह गूगल की नई पहल है। तो यह क्या है और कैसे काम करता है? आईए जानते हैं।
यह जेनरेटिव एआई पर आधारित गूगल सर्च में एक नया अनुभव देता है। यह कई वेबसाइट के लिंक दिखाने के बजाय सर्च पेज पर उपयुक्त जानकारी देता है। इसमें खोज (सर्च) से जुड़े सवाल और कीवर्ड से संबंधित जानकारियां हो सकती हैं। इसका असली मकसद है कि गूगल सर्च जेनरेटिव का अनुभव करने वाले उपयोगकर्ताओं को सही जानकारी वाले लिंक के साथ-साथ एआई जानकारी के स्रोत के बारे में भी बताएगा। चूंकि भारत में अभी इसका परीक्षण हो रहा है इसलिए गूगल ने इसे अंग्रेजी और हिंदी भाषा में तैयार किया है। इसमें टेक्स्ट-टू-स्पीच सुविधा भी दी गई है, जो उपयोगकर्ताओं को खोज परिणामों को सुनने का भी विकल्प देता है।
गूगल सर्च का जेनरेटिव एआई आधारित संस्करण एसजीई है। यह कैसे काम करता है यह जानने के लिए जरूरी है कि गूगल सर्च के बारे में जानना होगा। पहले गूगल सर्च पर उपयोगकर्ताओं को वेबपेज के लिंक दिखते थे। इसमें उनके लिए उपयुक्त जानकारी होती थी और कभी-कभी नहीं भी होती थी।
एसजीई में उन लिंक की उपयुक्त जानकारी एक साथ की गई और उन्हें सबसे पहले दिखाया जाता है। इसके अलावा यह जानकारी के स्रोत को दिखाने के लिए भी लिंक देता है और फोटो के अनुभव को बढ़ाने के लिए अंत में फोटो परिणामों की भी जानकारी देता है।
उपयोगकर्ताओं को एसजीई में प्रासंगिक जानकारी मिलती है, जो गूगल सर्च के मौजूदा संस्करण में संभव नहीं था।
प्रौद्योगिकी की दुनिया में एआई और मशीन लर्निंग अभी नए हैं। जेनरेटिव एआई की अपनी सीमाएं हैं। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस अधिक सटीक होने की जगह अभी मानवीय दृष्टिकोण अपनाने पर आधारित है। भले ही एआई मॉडल को बड़े आंकड़ों पर तैयार किया जाता है मगर वे फिर भी गलत हो सकते हैं। गूगल ने भी एसजीई पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। जैसे- खोज परिणामों (सर्च रिजल्ट) में गलतियां कम करने के प्रश्नों के प्रकार को सीमित करना। ऐसा इसलिए है कि गूगल का कहना है कि एसजीई भाषा की गलत व्याख्या कर सकता है जो नतीजों का अर्थ बदल सकता है।
गूगल विज्ञापनों के लिए पहले से बने जगह (स्लॉट) जारी रखेगा क्योंकि इसका कहना है, ‘यह लोगों को सही उत्पादों और सेवाओं को खोजने में मदद करता है।’ गूगल सर्च पेज पर विज्ञापन हमेशा की तरह ‘प्रायोजित’ लेबल के साथ दिखाई देंगे।
एसजीई का प्रयोग डेस्कटॉप पर गूगल क्रोम में विकल्प चुनने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए यह 31 अगस्त से शुरू हो गया है। आने वाले सप्ताह में यह ऐंड्रॉयड और आईओएस के लिए गूगल ऐप पर उपलब्ध होगा।