प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
एलन मस्क के नेतृत्व वाली दुनिया की मशहूर इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla आखिरकार भारत में कदम रखने के लिए तैयार है। खबर है कि Tesla अगले महीने यानी जुलाई के मध्य तक मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलेगी। इसके तुरंत बाद दिल्ली में भी दूसरा शोरूम शुरू होगा। यह भारत के ऑटोमोबाइल बाजार के लिए बड़ी खबर है, क्योंकि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार है। Tesla की इस एंट्री से इलेक्ट्रिक वाहनों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
Tesla ने भारत में अपनी पहली कारों की खेप भेज दी है। ये कारें मॉडल Y रियर-व्हील ड्राइव SUV हैं, जो चीन के शंघाई प्लांट में बनाई गई हैं। कंपनी का दावा है कि मॉडल Y दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है। इसके साथ ही Tesla ने सुपरचार्जर पार्ट्स, एक्सेसरीज, मर्चेंडाइज और स्पेयर पार्ट्स भी अमेरिका, चीन और नीदरलैंड से भारत भेजे हैं।
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Tesla का भारत में आना कोई नई बात नहीं थी। एलन मस्क लंबे समय से भारतीय बाजार में दिलचस्पी दिखा रहे थे, लेकिन इंपोर्ट टैरिफ और लोकल प्रोडक्शन को लेकर विवादों की वजह से देरी हो रही थी। इस साल फरवरी में मस्क की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका में मुलाकात के बाद यह राह आसान हुई। भारत में 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली पूरी तरह से बनी कारों पर 70 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी और 40 फीसदी एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस लगता है। वहीं, लोकल असेंबली वाली कारों पर 15 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी और 1.5 फीसदी सोशल वेलफेयर सरचार्ज देना पड़ता है।
मुंबई में आईं पांच मॉडल Y कारों की कीमत 27.7 लाख रुपये प्रति कार रखी गई है, जिस पर 21 लाख रुपये से ज्यादा की इंपोर्ट ड्यूटी लगी है। भारत में मॉडल Y की कीमत 56,000 डॉलर से ज्यादा हो सकती है, जो टैक्स और इंश्योरेंस से पहले की कीमत है। अमेरिका में यही कार 44,990 डॉलर (टैक्स क्रेडिट के बाद 37,490 डॉलर) में मिलती है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहन सिर्फ 5 फीसदी नए वाहन बिक्री का हिस्सा हैं, और प्रीमियम कारों का बाजार 2 फीसदी से भी कम है, ऐसे में Tesla के लिए कीमत एक चुनौती हो सकती है।
Tesla भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। कंपनी ने चार्जिंग, रिटेल और पॉलिसी टीमों में भर्तियां शुरू की हैं। कर्नाटक में वेयरहाउस स्पेस लिया गया है और गुरुग्राम में भी जगह बढ़ाई जा रही है। Tesla के बड़े अधिकारी लगभग हर हफ्ते मुंबई और दिल्ली के प्रीमियम बिजनेस डिस्ट्रिक्ट्स में बन रहे शोरूम्स का जायजा लेने भारत आ रहे हैं, ताकि अमीर खरीदारों को आकर्षित किया जा सके।