प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
ईलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला महाराष्ट्र के सातारा में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण कारखाना स्थापित करने के लिए भूमि तलाश रही है। सातारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गृहनगर है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि कंपनी चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही तक भारत में दस्तक देगी। यह खबर इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि भारत में टेस्ला के प्रमुख प्रशांत मेनन ने पिछले सप्ताह टेस्ला इंडिया के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। अब कंपनी की चीन की टीम भारतीय कारोबार की देखरेख करेगी।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने टेस्ला को कारखाना स्थापित करने के लिए पुणे के समीप चाकण और चिखली में भूमि की पेशकश की थी। चाकण देश का एक प्रमुख वाहन केंद्र है जहां मर्सिडीज बेंज से लेकर टाटा मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, फोक्सवैगन और बजाज ऑटो जैसे तमाम प्रमुख वैश्विक वाहन विनिर्माता मौजूद हैं। सातारा में भी कई वाहन कारखाने हैं जिनमें कूपर कॉरपोरेशन के कारखाने भी शामिल हैं। कूपर कॉरपोरेशन मुख्य तौर पर इंजन के पुर्जे, इंजन, जेनसेट और ट्रैक्टरों का उत्पादन करती है। मेघा इंजीनियरिंग के साथ बातचीत विफल होने के बाद टेस्ला अब एक अन्य भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम के लिए बातचीत कर रही है।
अधिकारी ने बताया कि टेस्ला इसी संयुक्त उद्यम के जरिये अपने कारखाने के लिए भूमि अधिग्रहण करेगी। उन्होंने कहा कि टेस्ला यहां सीकेडी इकाई लगाएगी जहां वाहनों को स्थानीय तौर पर असेंबल किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘पुणे से करीब 110 किलोमीटर दूर सतारा में टेस्ला अपनी कारों की असेंबलिंग शुरू करने जा रही है। कंपनी ने इसके लिए बड़े भूखंड हासिल कर लिए हैं।’ मगर उन्होंने भूमि के आकार अथवा लॉजिस्टिक संबंधी अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया। जहां तक भूमि अधिग्रहण के लिए स्थानीय साझेदार की बात है तो अधिकारी ने कहा, ‘टेस्ला मेघा इंजीनियरिंग के साथ साझेदारी नहीं करेगी। फिलहाल वह किसी भरोसेमंद एवं जवाबदेह भारतीय रियल एस्टेट एजेंट की तलाश कर रही है। यह काम एक साल से चल रहा है।’
इस बाबत जानकारी के लिए टेस्ला इंक., टेस्ला इंडिया, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार को भेजे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।
भारत फिलहाल अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है जिसमें वाहन के लिए कम शुल्क होगा। इससे टेस्ला को फायदा हो सकता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी कि भारत वाहनों के कलपुर्जा के आयात पर 0 से 1 फीसदी शुल्क का प्रस्ताव कर सकता है, बशर्ते अमेरिका वाहन पर 25 फीसदी शुल्क कम करे। अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते एवं अन्य मुक्त व्यापार समझौतों के आधार पर भारत इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की अपनी योजना (एसएमईसी) में संशोधन करने के लिए तैयार है। टेस्ला भारत में आयातित कारों की बिक्री शुरू करने के लिए मुंबई में एक शोरूम खोलने के लिए जगह पहले ही ले चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि कंपनी चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत में दस्तक दे सकती है।