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AI के नियम निर्माण के लिए परामर्शी दृष्टिकोण की जरूरत, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने दिया बयान

चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार एआई प्रशिक्षित व्यक्तियों को तैयार करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

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शिवानी शिंदे   
Last Updated- February 20, 2024 | 10:37 PM IST

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के संबंध में नियमों के निर्माण के लिए वैश्विक परामर्शी दृष्टिकोण की जरूरत पर जोर देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने ऐसे नियमों को तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस रूपरेखा को इस साल जून-जुलाई तक पेश किया जाएगा।

चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने इस मसौदा पत्र के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है। हमें उम्मीद है कि इस साल जून-जुलाई तक मसौदे के ढांचे पर चर्चा और बहस होगी। साल के मध्य में हम ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन करेंगे, जिसमें अगर सभी नहीं, तो अधिकांश देश हिस्सा लेंगे, खास तौर पर विकासशील देश, जो आम तौर पर तकनीक के भविष्य के बारे में किसी भी बहस से बाहर हो जाते हैं। वह मुंबई में आयोजित 32वीं नैसकॉम टेक्नोलॉजी ऐंड लीडरशिप फोरम को संबोधित कर रहे थे।

चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि एआई के संबंध में नियम बनाते समय अधिक वैश्विक परामर्शी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे पास दुनिया के सोचने के तरीके को आकार देने और एआई की क्षमता का उपयोग करने वाला ढांचा निर्माण में सहयोग करने का अवसर और जिम्मेदारी है, साथ ही हमारे पास ऐसा सहकारी तंत्र भी है, जो सभी उपभोक्ताओं की सुरक्षा करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एआई को विनियमित करने का दृष्टिकोण उसी तरह होगा, जैसे सरकार ने इंटरनेट के संबंध में नियम पेश किए हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार एआई प्रशिक्षित व्यक्तियों को तैयार करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा ‘हम एआई की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करेंगे, लेकिन दुरुपयोग को रोकने के लिए उपाय भी करेंगे।’

First Published : February 20, 2024 | 10:37 PM IST