ऐपल इंडिया के लिए ठेके पर आईफोन बनाने वाली टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग, पेगाट्रॉन टेक्नॉलजी इंडिया और फॉक्सकॉन होन हाई इंडिया आईफोन के हर वेरिएंट में अब आधिकारिक तौर पर 20 फीसदी से ज्यादा देसी मूल्यवर्द्धन कर रही हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस बारे में सरकारी दस्तावेज देखे हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘20 फीसदी की सीमा को पार करना इन कंपनियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है। पांच साल पहले तक इनमें से अधिकतर कंपनियों का स्थानीय पुर्जा विनिर्माण एवं घरेलू मूल्यवर्धन निचले एकल अंक में था। अब अगले एक दशक के दौरान 35 से 40 फीसदी के पार पहुंचने का लक्ष्य है।’
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, विस्ट्रॉन, पेगाट्रॉन और फॉक्सकॉन अपने कारखानों में आईफोन की असेंबलिंग ही करती हैं मगर वे स्मार्टफोन के कुछ पुर्जों का परीक्षण भी करती हैं। ठेके पर मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां जब आयातित बैटरी पैक, चार्जर, अडॉप्टार, मैकेनिक्स, डाई-कट पार्ट्स, माइक्रोफोन, रिसीवर, कीपैड, यूएसबी केबल आदि की असेंबली और परीक्षण देश के भीतर ही करती हैं तो सरकार उसे घरेलू मूल्यवर्धन की श्रेणी में रखने की इजाजत देती है। अब इन सभी कंपनियों को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश, 2017 के अनुसार दूसरी श्रेणी के स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं में शुमार कर लिया गया है। डीपीआईआईटी का पीपीपी-एमआईआई आदेश, 2017 के प्रावधानों का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना है।
ऐपल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन ने अगले साल के घरेलू मूल्यवर्धन लक्ष्य के बारे में पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया।
टाटा समूह की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन का कारोबार भी संभालती है। वह तमिलनाडु में होसुर और चेंगलपट्टू के समीप बने कारखानों तथा कर्नाटक के नरसपुरा कारखाने में आईफोन असेंबल करती है। विस्ट्रॉन की आईफोन असेंबली इकाई कर्नाटक में और पेगाट्रॉन की तमिलनाडु में है। फॉक्सकॉन तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना के कारखानों में आईफोन असेंबल करती है। कर्नाटक के देवनहल्ली में बन रहा कारखान दुनिया में आईफोन का दूसरा सबसे बड़ा कारखाना होगा। ठेके पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली ताइवान की इस कंपनी ने मई में अपनी भारतीय इकाई युझान टेक्नोलॉजी में 1.5 अरब डॉलर यानी करीब 12,800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया था। वह तमिलनाडु में एक डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबली इकाई स्थापित कर रही है।
दस्तावेजों से पता चला कि ऐपल इंडिया के अलावा सैमसंग इंडिया ने और डिक्सन के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पैजेट इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी भारतीय उत्पादन के लिए 20 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन का स्तर पार कर लिया है। सैमसंग इंडिया का उत्तर प्रदेश के नोएडा में मोबाइल फोन कारखाना है। श्याओमी के लिए ठेके पर फोन बनाने वाली पैजेट का भी नोएडा में कारखाना है, जहां सालाना 2.5 करोड़ से अधिक हैंडसेट बनाए जा सकते हैं।
माइक्रोमैक्स समूह की इकाई भगवती प्रोडक्ट्स ने टैबलेट के लिए 20 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन का स्तर पार कर लिया है। दस्तावेजों के अनुसार लैपटॉप के लिए डेल इंटरनैशनल और सर्वर के लिए नेटवेब टेक्नोलॉजिज भी इस सीमा के पार चली गई हैं।