टेक-ऑटो

कंबोडिया, म्यांमार और लाओस PDR सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से हो रही आधी आर्थिक धोखाधड़ी: I4C

आई4सी ने कहा है कि डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग स्कैम, निवेश धोखाधड़ी और डेटिंग घोटाले कुछ श्रेणियां हैं, जिसका इस्तेमाल लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।

Published by
आशुतोष मिश्र   
Last Updated- May 22, 2024 | 11:08 PM IST

कंबोडिया, म्यांमार और लाओस पीडीआर सहित दक्षिण एशियाई देश साइबर अपराधों के बड़े केंद्र बनकर उभरे हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) भारत के नागरिकों के साथ होने वाली करीब 48 प्रतिशत आर्थिक धोखाधड़ी इन देशों से संचालित होती है।

आई4सी गृह मंत्रालय द्वारा स्थापित निकाय है। यह साइबर अपराधों से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को समन्वित और समग्र रूप से एक ढांचा और वातावरण मुहैया कराता है।

आई4सी के मुख्य कार्याधिकारी राजेश कुमार ने कहा, ‘दक्षिण पूर्व के देशों से चल रहे संगठित साइबर अपराधों में तेजी नजर आ रही है। साइबर अपराधों की संख्या, पीड़ितों की संख्या और धन गंवाने वालों की संख्या बढ़ रही है।’

उन्होंने कहा, ‘हम देख रहे हैं भारतीय दक्षिण पूर्व एशिया से काम करने वाले इन घोटालेबाजों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अपने देश के लोगों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। इनमें से कुछ अनजाने में मानव तस्करी का शिकार बन रहे हैं, जबकि कुछ जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं।’

संवाददाता सम्मेलन में कुमार ने कहा कि भारत के बाहर ये घोटालेबाज सेवा मॉडल के रूप में साइबर अपराधों के साथ धन शोधन में भी शामिल है।

कुछ दिन पहले कंबोडिया के सिहानुक शहर में संदिग्ध घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन की खबर आई थी, जिसमें भारत के नागरिक कार्यरत थे। उसके बाद भारत के दूतावास ने हस्तक्षेप कर कंबोडिया से 60 नागरिकों को बचाया था।

आई4सी के आंकड़ों के मुताबिक अब तक सरकार ने इस तरह के घोटाले में फंसे करीब 420 भारतीय नागरिकों को वापस बुलाया है। आई4सी ने कहा है कि डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग स्कैम, निवेश धोखाधड़ी और डेटिंग घोटाले कुछ श्रेणियां हैं, जिसका इस्तेमाल लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।

ट्रेडिंग घोटाला और निवेश धोखाधड़ी सहित इन तमाम धोखाधड़ियों के विज्ञापन गूगल और मेटा के माध्यम से किए जाते हैं और कुमार ने बताया कि इनमें से ज्यादातर मूल रूप से हॉन्गकॉन्ग से होते हैं। इसके अलावा घोटालेबाज फेक गेमिंग ऐप में एल्गोरिदमेटिक मैनिपुलेशन भी करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि यूजर कभी न जीते। नैशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) को 2023 में साइबर अपराध की 1 लाख से अधिक शिकायतें मिलीं और देश भर में करीब 10,000 प्राथमिकी दर्ज हुई।

First Published : May 22, 2024 | 10:53 PM IST