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डीपफेक से लड़ने के लिए व्हाट्सऐप पर फैक्ट-चेक हेल्पलाइन शुरू होगी

डीपफेक का इस्तेमाल अक्सर लोगों को धोखा देने या गलत सूचना फैलाने के लिए किया जाता है।

Published by
आशुतोष मिश्र   
भाषा   
Last Updated- February 19, 2024 | 11:40 PM IST

मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (एमसीए) और मेटा ने सोमवार को व्हाट्सऐप पर तथ्य जांच (फैक्ट चेकिंग) हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की है। इसका मकसद डीपफेक और एआई-जनित भ्रामक सामग्री से निपटना है।

यह सेवा अगले महीने यानी मार्च से आमलोगों के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके द्वारा उपयोगकर्ता व्हाट्सऐप के चैटबॉट पर डीपफेक को चिह्नित कर सकेंगे। मेटा ने कहा कि चैटबॉट अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगू सहित तीन क्षेत्रीय भाषाओं में सहायता करेगा।

मेटा के निदेशक (पब्लिक पॉलिसी इंडिया) शिवनाथ ठकराल ने कहा, ‘हम एआई से उत्पन्न गलत सूचना चिंताओं को जान रहे हैं और हमारा मानना है कि इससे निपटने के लिए पूरे उद्योग में ठोस उपाय करने होंगे।’

उन्होंने कहा, ‘एमसीए और मेटा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके बनाई गई सामग्री से निपटने के प्रयास के तहत व्हाट्सऐप पर तथ्य-जांच हेल्पलाइन शुरू करने पर काम कर रहे हैं।

एआई से बनी सामग्री सार्वजनिक हित के मामलों में लोगों को धोखा दे सकती है। ऐसी सामग्री को आमतौर पर डीपफेक कहा जाता है। इस सेवा का मकसद लोगों को सत्यापित और विश्वसनीय जानकारी से जुड़ने में सहायता करना है।’

डीपफेक पर नकेल कसने की कवायद ऐसे समय में की जा रही है जब दुनिया के सबसे बड़ा लोकतंत्र में आम चुनाव की तैयारी हो रही है। भारत में इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं।

पिछले सप्ताह माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, गूगल, एमेजॉन, आईबीएम सहित विश्व की शीर्ष 20 बड़ी तकनीकी कंपनियों ने इस साल होने वाले चुनावों से पहले एआई से उत्पन्न गलत सूचना से निपटने के लिए एक समझौता किया था।

पिछले साल नवंबर में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक से निपटने के लिए सामग्री की वाटरमार्किंग और लेबलिंग पर जोर दिया था। उन्होंने डीपफेक और फर्जी सूचनाओं के मुद्द पर विशेषज्ञों के साथ दो दौर की चर्चा की थी।

मंत्री ने कहा था कि हालांकि वाटरमार्किंग और लेबलिंग बुनियादी आवश्यकताएं हैं मगर कई बदमाशों ने इनके आसपास जाने का भी रास्ता ढूंढ निकाला है। भारत सरकार ने यह भी कहा है कि वह नए संशोधन के माध्यम से आईटी नियम, 2021 के तहत डीपफेक से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाएगी।

भारत में मेटा के साथ करार के रूप में एमसीए व्हाट्सऐप हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाले सभी इनबाउंड संदेशों को प्रबंधित करने के लिए एक ‘डीपफेक विश्लेषण इकाई’ स्थापित करेगा।

मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस के अध्यक्ष भरत गुप्ता ने कहा, ‘डीपफेक विश्लेषण इकाई (डीएयू) भारत में सोशल मीडिया तथा इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच एआई से उत्पन्न गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण है।’

First Published : February 19, 2024 | 11:40 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)