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Sun Mobility अब 30 हजार रुपये में पुराने स्कूटरों को इलेक्ट्रिक में बदलेगी, बैटरी स्वैपिंग का नेटवर्क भी बढ़ाएगी

सन मोबिलिटी पुराने स्कूटरों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए भारत के 22 शहरों में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क तैयार कर रही है और अफ्रीका में विस्तार की योजना बना रही है।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- August 04, 2025 | 10:27 PM IST

बेंगलूरु स्थित बैटरी स्वैप क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सन मोबिलिटी वाहन रेट्रोफिटिंग व्यवसाय में प्रवेश कर रही है। इसमें मौजूदा इंटरनल कम्बशन इंजन (आईसीई) वाले स्कूटरों को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित किया जाएगा। इस बदलाव में प्रत्येक वाहन पर 30,000 रुपये की लागत आएगी। कंपनी विदेशों में अपने पैर पसारने की योजना पर काम कर रही हैं। शुरुआत में अफ्रीका को ल​क्षित कर काम किया जाएगा और बाद में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन का जाल बिछाया जाएगा। फिलहाल कंपनी भारत में 22 शहरों में अपने आईसीई स्कूटरों को इलेक्ट्रिक में बदलने और स्वैपिंग ढांचे के साथ सेवाएं शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इन स्वैपिंग केंद्रों पर लोग अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी स्वैप कर सकते हैं।

कंपनी के सह-संस्थापक और अध्यक्ष चेतन मैनी कहते हैं, ‘देश में इस समय 20 करोड़ स्कूटर और 1 करोड़ से अधिक तिपहिया वाहन सड़कों पर चल रहे हैं। दिल्ली जैसे कई राज्यों में नए नियमों के कारण लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहन अपना रहे हैं। इसलिए पुराने वाहनों का रूपांतरण अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है। यह उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य प्रस्ताव भी है।’

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के निवेश से सम​र्थित सन मोबिलिटी ने पेट्रोल पंपों पर 1,000 से अधिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने में मदद की है। यही नहीं, यह अगले साल मार्च तक इन चार्जिंग केंद्रों की संख्या 2.5 गुना तक बढ़ाने की योजना बना रही है। इंडियन ऑयल के साथ इस समझौते के चलते सन मोबिलिटी को पूरे देश में 39,000 आउटलेट्स तक पहुंचने में मदद मिल रही है। सन ने हाल ही में हेलिअस क्लाइमेट से नया फंड भी जुटाया है। यह एक जलवायु-केंद्रित फंड है, जिसने 57 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। इस निवेश का कुछ हिस्सा दक्षिण अफ्रीकी बाजार में प्रवेश के लिए उपयोग किया जाएगा और इसके बाद दक्षिण पूर्व एशिया का नंबर आएगा।

मैनी कहते हैं, ‘हम शुरुआती स्तर पर केन्या में पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य बाजारों में प्रवेश करेंगे। केन्या में परिवहन के लिए 20 लाख मोटरसाइकिलें इस्तेमाल की जाती हैं और वे एक दिन में 200 किलोमीटर तक यात्रा करती हैं। उस स्तर की गति पर फिक्स्ड बैटरी काम नहीं करती है। इसलिए यह मुख्य रूप से स्वैपेबल बाजार है।’

कंपनी का ध्यान अभी बैटरी-स्वैपिंग बाजार के बिजनेस-टू-बिजनेस खंड पर है, जो इसके व्यवसाय का प्रमुख हिस्सा है।

भारत में बिजनेस-टू-बिजनेस बाजार के आकार पर विस्तार से बात करते हुए मैनी कहते हैं, ‘यदि आप शीर्ष पांच डिलिवरी कंपनियों को देखें, तो उनके पास 10 लाख से अधिक राइडर और 10 लाख से अधिक गैर-व्यक्तिगत वाहन हैं। यह बाजार सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। हमारा अनुमान है कि यह कुल वार्षिक दोपहिया बाजार का लगभग 15 प्रतिशत होगा। हमें बिजनेस-टू-बिजनेस से अधिक ऊर्जा राजस्व मिलता है, क्योंकि वे एक दिन में 100 किमी की यात्रा करते हैं, जबकि व्यक्तिगत वाहन औसतन 30 किमी चलते हैं। हम पहले से ही हर महीने 15 लाख स्वैप कर रहे हैं।’

मैनी आगे कहते हैं कि स्वैपिंग पर अ​धिक लागत नहीं आती, यह वहनीय है। बैटरी के बिना वाहन की लागत आईसीई वाहन की तुलना में 40 प्रतिशत सस्ती हो जाती है। बेशक, सन मोबिलिटी अभी बिजनेस-टू-कंज्यूमर खंड में बड़े खिलाड़ियों को शामिल करने में सक्षम नहीं है, उन्होंने स्वैपिंग का समर्थन नहीं किया है, क्योंकि वे अपने वाहनों को अलग दिखाने के लिए बैटरी का उपयोग करना चाहते हैं। मैनी इसके उलट सोचते हैं। वह कहते हैं, ‘हम ऊर्जा व्यवसाय में हैं। ब्रांड और ग्राहक अनुभव के स्तर पर उनमें और हममें अंतर पैदा होता है। हम उनकी बिक्री बढ़ाने में मदद करते हैं।’

First Published : August 4, 2025 | 10:27 PM IST