सैयदना के सैफी महल से सुबह करीब दस बजे जनाजा निकाला। उनके आखिरी दीदार के लिए बड़ी संख्या में दाउदी बोहरा समुदाय के लोग पहुंचे। उन्हें भिंडी बाजार में रौदत ताहिरा कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।
सैयदना मुफाद्दल सैफुद्दीन ने सैयदना की नमाज ए जनाजा की इमामत की।
जनाजे में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने को ध्यान में दखकर वालकेश्वर रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। सैयदना का कल दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह 102 वर्ष के थे।
आज तड़के मालाबार हिल में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने पर भगदड़ मच गयी और 18 लोगों की मौत हो गई एवं 40 घायल हो गए। ये लोग उनके गुजर जाने की खबर पाकर वहां पहुंचे थे।
दाउदी बोहरा शिया मुसलमानों का एक पंथ है और ये लोग दुनियाभर में फैले हैं। उनका एक मुख्य सिद्धांत देशभक्ति भी है।
दुनियाभर के दाउदी बोहरा समुदाय के 52 वें दाई अल मुतलक डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन सैयदना ताहिर सैफुद्दीन के सबसे बड़े बेटे थे। उन्होंने 1965 में अपने पिता के निधन के बाद उनका स्थान लिया था।
उन्हें दाउदी बोहरा को गतिशील समुदाय बनाने का श्रेय जाता है। उन्हें स्टार ऑफ जोर्डन और ओर्डर ऑफ नाइल जैसे जोर्डन और मिस्र के शीर्ष नागरिक सम्मानों से नवाजा गया था।
उन्होंने काहिरा के अल अजहर विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और कराची विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों ने डाक्टरेट की मानद उपाधि भी प्रदान की थी।