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देखें, किसमें कितना है दम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:05 PM IST

कार पसंद करना कोई कम मुश्किल काम नहीं होता। हो भी क्यों न? आपकी जरूरत पूरी करने के लिए बाजार में पहले से ही इतने मॉडल मौजूद हैं और इस फेहरिस्त में और भी मॉडल शामिल होते जा रहे हैं।


आपकी मुश्किल को आसान करने के लिए हम इन कारों को कई पैमाने पर तौलते हैं। यहां बात हो रही है जांची परखी होंडा सिविक की जो पिछले दो सालों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुकी है तो वहीं दूसरी ओर है फॉक्सवैगन की जेटा जो अपने लिए जगह बनाने को तैयार है।

मैनुअल सिविक की बजाय हमने टैस्ट के लिए ऑटोमेटिक सिविक को चुना। सिविक मैनुअल ट्रैनी जेटा पेट्रोल पर चलती है। मुंबई में सिविक वी एटी की एक्स शोरूम कीमत 13.49 लाख रुपये है। यह अभी तक की सबसे महंगी सिविक है। यह देखना बहुत ही आश्चर्यजनक है कि मुंबई जैसे शहर में मारुति ऑल्टो की बजाय सिविक ज्यादा नजर आती है।

यह बात काफी हद तक सही है कि बड़ी संख्या में लोग छोटी कारें खरीद रहे हैं लेकिन मध्यमवर्गीय मुंबईकरों ने इस धारणा को बदला है। छोटी कार के बजाय सिविक खरीदने के लिए उनका बैंक बैलेंस उनको इजाजत दे रहा है। होंडा के साथ सबसे खास बात यह है कि अपनी श्रेणी में यह बहुत अलग नजर आती है।

शायद यही बात है कि पिछले दो साल में होंडा की बिक्री बेहद शानदार रही है। यह वजह है फॉक्सवैगन इस शानदार मौके को किसी भी सूरत में गंवाना नहीं लेकिन क्या 1.6 कंपनी के सपने को साकार कर पाएगी?

डिजाइन और इंटीरियर

जेटा गोल्फ मार्क पांच प्लेटफॉर्म पर आधारित है। (स्कोडा लाउरा की तरह) और आप जिस तरह की कार की तमन्ना रखते होंगे उस पैमाने पर यह कार काफी खरी उतर सकती है। इसके टीवी विज्ञापन में भी काफी सच्चाई नजर आती है। कार वाकई में बड़ी नजर आती है। जर्मनी की बात करें तो वहां एक सैलून अमूमन बीएमडब्ल्यू-5 सीरीज के आकार का ही होता है।

उस लिहाज से जेटा भी भारतीय सड़कों पर अपने होने का एहसास कराती है। वास्तव में, यह बोल्ड ग्रिल, बड़े हैड लैंप्स और पिछली लाइटों की वजह से पेस्साट से बेहतर दिखती है। हालांकि, आप इसके बारे में जितना जानने की कोशिश करेंगे, उतनी जल्दी ऊबने लगेंगे। आप सिविक के बारे में ऐसा नहीं कह सकते क्योंकि इसमें एक भी पैनल ऐसा नहीं है जो कहीं से पुराने दौर की याद दिलाता हो।

सिविक एकदम नये दौर की नजर आती है और इसी वजह से यह इस मोर्चे पर ज्यादा अंक बटोरने में कामयाब हो जाती है। यह कार  ओलंपिक तैराक की तरह लगती है। ऐसे दौर में जब कंपनियां डिजाइन को लेकर बहुत जोखिम उठाने से बचती हैं। होंडा ने कुछ क्रांतिकारी कदम उठाकर ऐसा किया। कंपनी ने इस बात की भी परवाह नहीं की, कि इस वजह से उसके कुछ ग्राहक उससे छिटक सकते हैं।

ऐसे ग्राहकों के लिए जेटा बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। कार में 8 एयरबैग हैं यह सिविक की तुलना में यह संख्या 6 अधिक है। इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक सेफ्टी प्रोग्राम भी है। यदि सही तुलना की जाए तो जेटा में कुछ फीचर्स बहुत बढ़िया हैं। लेकिन जेटा आपको बेहद खास एहसास नहीं करा पाती। दूसरी ओर, सिविक के साथ आपका बेहद भावुक रिश्ता बन सकता है।

इसके लॉन्च के करीब 2 साल बाद भी मैं सिविक के खास एहसास को महसूस कर सकता हूं। कार के डायल्स, स्टीयरिंग, गियर लीवर, हैंडब्रेक के अलावा और भी बहुत सारी चीजें बेहद उम्दा हैं। कार का डिजिटल स्पीडो एक बेहतरीन फीचर है। इसकी अहमियत मैंने तब जानी जब मैंने नये हेड्स अप डिस्प्ले वाली बीएमडब्ल्यू एक्स फाइव को चलाया। इससे आंखें हटाने को मन ही नहीं करता।

इंजन और परफॉर्मेंस

क्या आप जानते हैं कि 101 बीएचपी की पावर कैसी होती है? अगर आपने मारुति एसएक्स 4 चलाई होगी तो आप जरूर जानते होंगे। आप अंदाजा लगा रहे होंगे कि 101 बीएचपी वाली जेटा भी कोई 1,300 किलोग्राम का वजन आराम से उठा सकती है।

यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो यह कुछ इसी तरह की ही बात होगी जैसे किसी गधे पर कई टन रुई लाद देना। कुछ हद तक आप सही हैं।  फॉक्सवैगन ने बेसिक इनडायरेक्ट इजेक्शन इंजन लगाया है जिसमें हर सिलिंडर के हिसाब से 2 वॉल्व लगाए गए हैं। भारत में ईंधन की क्वालिटी को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है क्योंकि देश में अभी तक टीएसआई मॉडल पूरी तरह से तैयार नहीं है।

इस इंजन के बारे में मैं बखूबी जानता हूं क्योंकि फ्रेंकफर्ट मोटर शो के दौरान फॉक्सवैगन ने हमें ड्रेसडेन से लेकर फॉक्सवर्ग जैसी कारों को चलाने का मौका दिया था।  हमने अपने टैस्ट भारत में उपलब्ध 87-88 आरओएन पर किए। जेटा ने 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ने में 15 सेकंड का समय लिया।

वैसे तो कार 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है लेकिन वहां तक पहुंचने में कार काफी वक्त ले लेती है। 3,500 आरपीएम पर जेटा काफी आवाज करती है। अगर आप एंट्री डी सेगमेंट में किसी कार की तलाश में हैं तो अपनी सूची में इस कार को मत शामिल करिए। 

अगर आप एक तय गति सीमाओं मे ही कार चलाना पसंद करते हैं तो जेटा आपके लिए मुफीद कार साबित हो सकती है। कम रफ्तार में चलाने के लिए कार बेजोड़ है। खासकर शहर के अंदर चलाने के लिए जेटा बढ़िया है लेकिन हाइवे पर कार कमजोर पड़ती दिखती है। यह काफी कुछ टू स्ट्रोक रिफाइंडर की तरह है, लेकिन यह काफी है।

अगर आप इसको बिना किसी मशक्क्त के चलाते हैं तो आपके लिए यह बेहद अच्छा अनुभव होगा। इस कार को कम रफ्तार में भी चलाना आपको अच्छा लगेगा वही सिविक के साथ यह बात नहीं है। जेटा कार को शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में भी आसानी से चलाया जा सकता है हालांकि इस कार का प्रदर्शन हाइवे पर उतना बेहतर नहीं होता।

दूसरी ओर सिविक में ऐसा नहीं है। इस कार का 1.8 लीटर वाला इंजन जब अपनी पूरी क्षमता के साथ आवाज करता है तो कार का पूरा हिस्सा हिल जाता है। हालांकि इसकी आवाज उतनी बुरी नहीं होती और यह काफी तेज रफ्तार भी पकड़ लेती है। इस कार के डबल ओवरहेड कैमशाफ्ट इंजन में नया वी टेक सिस्टम लगा हुआ है।

इसकी वजह से यह कार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार में भी जेटा को 3 सेकंड से पछाड़ देती है। जब इसका गियरशिफ्ट ऑटोमेटिक मोड में होता है तो यह गाड़ी पूरी रफ्तार पकड़ लेती है और आप जैसे ही गाड़ी को मैनुअल मोड में लाते हैं वैसे ही यह अपनी तेज रफ्तार पकड़ लेती है।

यह रफ्तार पूरे दिन तक बरकरार रह सकती है जब तक की आप इसे रोके ना या फिर आपकी कार किसी से टकराएं नहीं। होंडा सिविक 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार के मुताबिक सबसे ज्यादा स्पीड बरकरार रखने की क्षमता रखती है।

कैसी है ड्राइविंग

सभी होंडा की गाड़ियों में पुरानी तरह की ही कुछ खासियत है, मसलन इसका सामने वाला हिस्सा कोई ज्यादा समस्या नहीं खड़ी करता है लेकिन इसके  पिछले हिस्से में लगा हुआ सस्पेंशन सेटअप आपके कार ड्राइविंग के  मजेदार अनुभव में खलल डाल सकते हैं। कुछ ऐसे ही मसले सिविक के साथ भी हैं।

आपको इस कार को चलाने में बेहद मजा आएगा क्योंकि इस कार में बेहद शानदार डिजाइनिंग की गई और इसका ड्राइविंग पोजीशिन भी ड्राइव करने के लिहाज से बेहतर है। यह जबरदस्त ढंग से अपनी रफ्तार पकड़ती है लेकिन कभी-कभी आपको यह अनुभव भी हो सकता है कि गाड़ी का पिछला हिस्सा पकड़ से बाहर होता जा रहा है। ऐसे में आपको डर का अनुभव भी हो सकता है।

जेटा में आप इस तरह की शिकायतें कतई नहीं कर सकते। दरअसल इस कार में इलेक्ट्रानिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ईसपी)होता है जो अगर ऑफ भी हो तब भी कार के  घूमने के दौरान यह इनके पहिए पर पूरा नियंत्रण रखता है। वास्तव में यह मिनी पसात से काफी हद तक मिलता जुलता है हालांकि यह उससे थोड़ा ज्यादा तेज है।

पसात की तरह जेटा की  राइड क्वालिटी भी बेहद मजबूत है। इसे घुमाने या इसकी रफ्तार को थोड़ा कम करने में भी यह बेहतर साबित होता है वहीं दूसरी ओर सिविक में ऐसी कोई बात नहीं होती। सिविक के पिछले हिस्से में सॉफ्ट सस्पेंशन सिस्टम लगा हुआ है।

इसकी वजह से गाड़ी की रफ्तार कब कम हुई पता भी नहीं चलता है। किसी बेहतर सड़क पर जेटा को चलाने में थोड़ी परेशानी का अनुभव होता है, वहीं सिविक को चलाना बेहद आरामदायक अनुभव होता है।

आपका फैसला

अगर कोई पहली बार डी सेगमेंट की कार लेने के  लिए ख्वाहिशमंद है तो वह होंडा सिविक को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। आपको इस बात को स्वीकार करना होगा कि इसमें कोई अलग तरह की राइड क्वालिटी नहीं है और न ही कार को चलाने के  लिए अलग तरह की कुशलता जिसकी जरूरत जेटा को चलाते वक्त पड़ती है।

इस कार में सुरक्षा के मद्देनजर कोई अलग तरह की खासियत नहीं है। लेकिन जहां तक कार के बनावट की बात है तो इस मामले में दोनों कार बेहद जबरदस्त हैं। जेटा की भी बॉडी में खुरदुरे प्लास्टिक का कुछ हिस्सा इस्तेमाल किया गया है। सिविक का इंजन लाजवाब है और यह कभी फेल नहीं होता है।

ड्राइविंग करते वक्त आप बेहद अलग तरह का अनुभव करेंगे। होंडा कार सिर्फ बेहद शानदार बनी ही नहीं है बल्कि यह लंबे समय तक अपनी साख को बरकरार रखने में भी सक्षम नजर आता है। कुछ ऐसी ही खासियत की उम्मीद हम फॉक्सवैगन में भी कर सकते हैं।

ऐसी खासियत के मद्देनजर हम सिविक को ट्राफी का हकदार मान सकते हैं। अगर फॉक्सवैगन का टीएसआई इंजन भी यहां के सड़क पर चलने में बेहतर साबित होगा तो यह कहा जा सकता है कि यह सिविक के जैसा ही साबित होगा।

First Published : September 7, 2008 | 11:07 PM IST