नाइट राइडर्स ग्रुप और रेड चिलीज के मुख्य कार्य अधिकारी वेंकी मैसूर
नाइट राइडर्स ग्रुप और रेड चिलीज के मुख्य कार्य अधिकारी वेंकी मैसूर का मानना है कि इंडियम प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अधिकतर फ्रैंचाइजी के ब्रांड मूल्यांकन में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि अरबों डॉलर मूल्यांकन के लिहाज से भारत में क्रिकेट की अर्थव्यवस्था अभी शुरुआती स्तर पर है।
फिक्की फ्रेम्स 2025 में अपने भाषण के दौरान मैसूर ने कहा, ‘लोग आईपीएल टीमों के मूल्यांकन पर बात कर रहे हैं। मगर सही मायने में देखें तो लोग अरबों डॉलर के मूल्यांकन की बात करते हैं। सही में अभी हमने शुरुआती स्तर को ही छुआ है, क्योंकि क्रिकेट का अस्तित्व लंबे अरसे से है।’
मैसूर ने कहा, ‘मैं आपको उदाहरण के जरिये समझाता हूं। जैसे हमने लॉस एंजलिस में एक टीम बनाई है। वहां दो फुटबॉल टीमें हैं, एक बेसबॉल की टीम है, दो बास्केट बॉल की टीम है। वहां आइसहॉकी की एक अलग टीम है और फिर मेजर लीग सॉकर (एमएलएस) के लिए भी एक टीम है। ये सभी टीमें एक ही शहर में हैं। यहां किसी भी टीम का सबसे कम मूल्यांकन एक अरब डॉलर है और सबसे ज्यादा 5 अरब डॉलर।’
मैसूर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी अदार पूनावाला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरु (आरसीबी) के मालिक डियाजियो पीएलसी के साथ टीम खरीदने के लिए बातचीत कर रहे हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक डियाजियो पीएलसी 2 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर विचार कर रही है।
मैसूर ने कहा, ‘हालांकि उत्पाद और मॉडल (क्रिकेट अर्थव्यवस्था का) इस हद तक विकसित हो चुके हैं कि हर कोई इसकी ताकत को समझता है, इसलिए इसमें बहुत अधिक निवेश आने वाला है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह अन्य खेलों में भी अपना स्थान बनाएगा और मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग के लिए एक परिवेश तैयार करेगा।’
मैसूर ने भारतीय क्रिकेट पर आए दुनिया भर के ध्यान आकर्षित का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आईपीएल के खिताबी मुकाबले को 16.9 करोड़ लोगों ने टेलीविजन पर देखा, जो टीवी पर देखने वाले सुपर बाउल के 15.5 करोड़ दर्शकों को पार कर गया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि आज के दौर में खिलाड़ी मनोरंजन कराने वाले बन गए हैं और मनोरंजन एक सांस्कृतिक अनुभव बन गया है। उन्होंने कहा कि आज हर एक जीवंत क्षण कहानी, एक जुड़ाव और एक व्यावसायिक अवसर बन गया है।
इस बीच, कार्यक्रम के एक अन्य सत्र में जियोस्टार मुख्य कार्य अधिकारी (स्पोर्ट्स) ईशान चटर्जी ने कहा कि भारत का खेल और मीडिया परिवेश प्रशंसकों, तकनीक और समावेशिता द्वारा संचालित एक दमदार विकास के नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
चटर्जी ने कहा, ‘पुरुष क्रिकेट के लगातार बढ़ते विकास के साथ, हम जिस बड़े रुझान पर दांव लगा रहे हैं वह भारत में अन्य खेलों का उदय है। चाहे वे टेनिस, फुटबॉल और कबड्डी जैसे स्थापित खेल हों या ई-स्पोर्ट्स जैसे नए खेल हम इनमें तेजी से वृद्धि की उम्मीद करते हैं, और यह सिर्फ इसलिए नहीं है कि हम ऐसा चाहते हैं, बल्कि जैसे ही भारतीय एथलीट विश्वस्तरीय परिणाम देने लगते हैं, प्रशंसकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होती है।’
चटर्जी ने डेलॉयट के शोध का हवाला देते हुए कहा कि भारत की खेल अर्थव्यवस्था 2023 के 30 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 70 अरब डॉलर हो जाएगी। चटर्जी ने कहा, ‘इस लिहाज से देखें तो ब्राजील 6 से 8 अरब डॉलर पर है और सबसे उन्नत बाजार में से एक ब्रिटेन लगभग 40 अरब डॉलर पर है। हम सचमुच एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर हैं।’