इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री इस साल एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव तक पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माताओं के साथ-साथ विश्लेषकों के अनुमानों के अनुसार, इस साल 7 से 8 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री होने का अनुमान है। यदि ऐसा हुआ तो कुल स्कूटर बाजार (पेट्रोल इंजन वाले स्कूटर सहित) में उसकी हिस्सेदारी बढ़कर 13 फीसदी तक पहुंच सकती है। देश में सालाना करीब 60 लाख स्कूटरों की बिक्री होती है।
जब ऐसा होगा तो पहली बार इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री के मोर्चे पर बाजार हिस्सेदारी दो अंकों तक पहुंच जाएगी। यदि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सेमीकंडक्टर एवं अन्य सामग्रियों की किल्लत नहीं होती तो वह सालाना 10 लाख की बिक्री तक पहले ही पहुंच जाती। पिछले साल 2 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री हुई थी। विश्लेषकों ने अनुमान जाहिर किया है कि दो प्रमुख कंपनियों- ऐथर एनर्जी और ओला इलेक्ट्रिक- की एकीकृत बिक्री इस साल 2.5 लाख से 2.6 लाख स्कूटर तक पहुंच सकती है।
विनिर्माताओं द्वारा क्षमता निर्माण के आधार पर अनुमान जाहिर किए गए हैं। इसके अनुसार, वर्ष 2023 के दौरान बिक्री 15 से 20 लाख स्कूटर तक पहुंच जाएगी जिससे समग्र दोपहिया बाजार की रफ्तार प्रभावित होगी। यदि ऐसा हुआ तो इलेक्ट्रिक स्कूटर एक अन्य पड़ाव को पार कर जाएगा और सालाना 1.8 से 2 करोड़ दोपहिया वाहनों (मोटरबाइक सहित) की बिक्री वाले बाजार में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की हिस्सेदारी 10 फीसदी हो जाएगी। इससे आगामी वर्षों के दौरान घरेलू बाजार में भी इलेक्ट्रिक स्कूटर के अनुकूल बदलाव दिखेगा जहां फिलहाल करीब 70 फीसदी बिक्री मोटरसाइकिल की होती है। फिलहाल इलेक्ट्रिक मोटरबाइक बनाने वाली कुछ ही कंपनियां बाजार में मौजूद हैं। लेकिन विनिर्माताओं द्वारा निर्धारित बिक्री लक्ष्य ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक भवीश अग्रवाल के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के मुकाबले काफी कम हैं। उन्होंने अनुमान जाहिर किया है कि साल 2025 तक पेट्रोल से चलने वाले सभी दोपहिया वाहन सड़कों से गायब हो जाएंगे।
सरकार के अपने अनुमान हैं। सरकार का मानना है कि साल 2030 तक 80 फीसदी दोपहिया वाहन इलेक्ट्रिक होंगे।
नोमुरा के प्रमुख (ऑटो रिटेल प्रैक्टिस) हर्षवर्धन शर्मा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि साल 2022 तक 7 से 8 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री होगी। फिलहाल 35 से 36 कंपनियां मौजूद हैं लेकिन अगले दो से तीन साल के दौरान हम सुदृढीकरण की उम्मीद करते हैं। बाजार में विस्तार होगा लेकिन धीरे-धीरे।’