बिजनेस स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में शामिल 12 अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने कहा कि 4 जून की मौद्रिक नीति घोषणा में दर में कोई बदलाव नहीं होने की लगभग पूरी संभावना है। सबकी नजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा घोषित किए जाने वाले दूसरे उपायों पर रहेगा।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि जब तक वृद्घि के टिकाऊ संकेत नहीं मिलते हैं तब तक वह समावेशी रुख को बनाए रखेगा। लिहाजा समूचे कैलेंडर वर्ष के लिए रीपो दर 4 फीसदी पर बरकरार रहने की उम्मीद है। ऐसा मुद्रास्फीति में इजाफा होने के बावजूद होगा। मुद्रास्फीति के लिए उपाय रिजर्व बैंक अपने स्तर पर करेगा। अप्रैल में थोक मूल्य मुद्रास्फीति की दर एक दशक के सर्वाधिक उच्च स्तर के पार चली गई जो मोटे तौर पर अनुकूल आधार प्रभाव के कारण हुआ था। लेकिन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर लगातार 4 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। हालांकि, यह मार्च की 5.52 फीसदी से कम होकर अप्रैल में 4.29 फीसदी हो गई।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में सहायक निदेशक सौम्यजित नियोगी ने कहा, ‘वृद्घि-मुद्रास्फीति की भिन्नता लगातार डांवाडोल हो रही है। और एक निश्चित बिंदु के बाद वहनीय टिकाऊ महंगाई अनुत्पादक रूप धारण कर सकती है।’ इंडसइंड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री गौरव कपूर ने कहा, ‘वास्तविक जीडीपी वृद्घि पर निर्देश और मुद्रास्फीति की रफ्तार इस बार अन्य किसी चीज से ज्यादा महत्त्वपूर्ण होंगे।’
क्वांटिको की संस्थापक शुभदा राव का विचार है, ‘कोविड की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था में गिरावट के अनुमान को बताने के लिए रिजर्व बैंक जीडीपी अनुमान में 0.5 से 1.0 फीसदी की कमी कर सकता है।’
ऐक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य ने कहा, ‘यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे का निर्देश क्या अप्रत्यक्ष तरीके से भी टीकाकरण को लागू करने से जुड़ा हुआ है।’
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर भी वृद्घि पर टीकाकरण से संबंधित निर्देश आने की उम्मीद करती हैं।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से 5 मई की गई घोषणाएं जैसे कि स्वास्थ्य देखभाल उद्योग के लिए 50,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज देना और मांग के अनुसार तरलता समर्थन का असर नहीं हुआ है और इसे विस्तार दिया जा सकता है।
भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘नीति में बैंकों के लिए महत्त्वपूर्ण नियामकीय उपायों की घोषणा हो सकती है जिससे मौजूदा महामारी का मुकाबला किया जा सके।’
येस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान ने कहा कि कि एसएमई और एमएसएमई क्षेत्रों को ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए कुछ और कदम उठाए जा सकते हैं।
स्टार यूनियन दाइची लाइफ इंश्योरेंस के उपाध्यक्ष (निवेश) राम कमल सामंता ने कहा कि बॉन्ड बाजार को अगली तिमाही के लिए जी-सैप रकम में वृद्घि होने की उम्मीद है।
आईसीआईसीआई बैंक के समूह कार्यकारी बी प्रसन्ना ने कहा, ‘रिजर्व बैंक दूसरी तिमाही के लिए जी-सैप खरीद में किसी तरह की वृद्घि पर नजर रखेगा।’
कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा, ‘रिजर्व बैंक आगे भी लगातार प्र्रतिफल प्रबंधन पर नजर बनाए रखेगा।’